नाटक कला के आदान-प्रदान का जरिया : डॉ. सोरेन
राउरकेला इस्पात संयंत्र और स्पंदन की ओर से सिविक सेंटर मे
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र और स्पंदन की ओर से सिविक सेंटर में आयोजित अखिल भारतीय आदिवासी नाटक एवं नृत्य महोत्सव का उद्घाटन करते हुए आइजीएच के वरिष्ठ उपनिदेशक डॉ. एम सोरेन ने कहा कि नाटक कला के आदान- प्रदान का जरिया है।
उन्होंने कहा कि नाटक में कला व संस्कृति को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। राउरकेला मिनी भारत है एवं यहां देश भर के विभिन्न क्षेत्रों से आदिवासी निवास करते हैं। इस तरह के कार्यक्रम से अपनी संस्कृति के संबंध में लोगों को अधिक से अधिक जानकारी मिल सकेगी। कार्यक्रम में बिसरा ब्लाक शिक्षा अधिकारी गोरेटी टेटे ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम विविधता में एकता को प्रदर्शित करते हैं। अध्यक्ष प्रकाश चंद्र दास ने अतिथियों का स्वागत किया। महासचिव डा. समर मुदली ने कार्यक्रम के संबंध में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। इस मौके पर झीरपानी यूथ डांस ग्रुप, जगदा सरना यूथ क्लब, बीरकेरा के झरियाटोला डांस ग्रुप, लाठीकटा सिविल सरजोम ग्रुप के कलाकारों के द्वारा आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया गया। पहली शाम को सरना नवयुवक संघ के द्वारा सादरी नाटक चार सवाल का मंचन किया गया। इसमें शासन व्यवस्था पर विभिन्न सवाल खड़े किए गए। इस मौके पर प्रदीप कुमार नायक, नरहरि पंडा, मोनिका आचार्य, मोनालीसा साहू आदि ने अभिनय किया। अंत में डा. सत्य मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया।