प्रवासी यात्रियों ने फेंकी वेज बिरयानी, गंध आने का आरोप
केंद्र सरकार की ओर से मजदूर स्पेशल ट्रेन से सफर कर प्रवासियों को खाना-पानी के साथ नाश्ता देने के लिए आइआरसीटीसी विभाग को राशि आवंटित की गई है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : केंद्र सरकार की ओर से मजदूर स्पेशल ट्रेन से सफर कर प्रवासियों को खाना-पानी के साथ नाश्ता देने के लिए आइआरसीटीसी विभाग को राशि आवंटित की गई है। इसी के तहत आइआरसीटीसी की ओर से विभिन्न स्टेशनों में अधिकृत वेंडरों के मार्फत प्रवासी यात्रियों को भोजन-पानी का प्रबंध किया जा रहा है। इसी क्रम में कन्नूरमेन से जसीडीह को जाने वाली प्रवासी मजदूर स्पेशल ट्रेन रविवार की रात 8:47 बजे राउरकेला स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या-4 पर पहुंची। इस दौरान आइआरसीटीसी के अधिकृत वेंटर एमएन इंटरनेशन द्वारा उक्त ट्रेन के प्रवासियों को वेज बिरयानी का पैकेट के साथ बोतल बंद पानी प्रदान किया गया। लेकिन अचानक ट्रेन की कई बोगियों में सवार प्रवासियों ने वेज बिरयानी को प्लेटफार्म में फेंकना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि खाने से गंध आ रही है। इसे खाकर कौन मरेगा। अगर खाना नही देना है तो मत दीजिए। लेकिन खराब खाना तो मत दीजिए। इसके तुरंत बाद ट्रेन जसीडीह के लिए रवाना हो गई। इस दौरान प्लेटफार्म में आइआरसीटीसी के अधिकारी, रेलवे के वाणिज्य विभाग के अधिकारी, आरपीएफ और जीआरपी के अधिकारी और जवान उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि ट्रेन में सफर करने वाले प्रवासी मजदूरों को राउरकेला स्टेशन में दिए जाने वाले खाने के मानक और मात्रा को लेकर भाजपा के नेताओं ने पिछले दिनों स्टेशन में जमकर हंगामा किया था। इसकी शिकायत केंद्रीय रेलवे मंत्री को ट्वीट कर भी की गई थी। जिसके बाद विभाग की ओर से जांच का भरोसा देने के बाद भाजपाई शांत हुए थे। दो दिन बाद फिर से यात्रियों को खराब खाना दिए जाने का आरोप सामने आया है। सीनियर डीसीएम करेंगे जांच
मजदूर स्पेशल ट्रेन में सफर कर रहे मजदूरों को राउरकेला रेलवे स्टेशन पर आइआरसीटीसी के वेंडर द्वारा घटिया खाना दिए जाने के मामले की जांच सीनियर डीसीएम करेंगे। भाजपा द्वारा इस मुद्दे को लेकर स्टेशन में हंगामा करने के बाद इस संबंध में दपूरे के जीएम व चक्रधरपुर डिवीजन के डीआरएम से शिकायत की गई थी। भाजपा नेता निहार राय ने बताया कि खुद डीआरएम ने उन्हें बताया कि उन्होंने इस मामले को संज्ञान में लिया है। इसके साथ ही इस जांच करने के लिए उन्होंने सीनियर डीसीएम को निर्देश जारी किया है। निहार ने बताया कि इस पूरे मामले में आइआरसीटीसी जिम्मेदार है। जब केंद्र सरकार ने प्रति व्यक्ति के हिसाब से नास्ता व खाने की राशि का भुगतान संस्था को कर दिया है। तो फिर ट्रेनों में सफर करने वाले मजदूरों को क्योंकर घटिया खाना उपलब्ध करा रही है। अगर संस्था खाना खिलाने का जिम्मा किसी वेडर को देती है तो उसे खाने की क्वालिटी व मात्रा की जांच करनी चाहिए थी। राउरकेला में वेंडर एनएन इंटरनेशनल द्वारा जो खाना दिया जा रहा था। वह न केवल घटिया था बल्कि कम मात्रा में भी था। कई दफा इसकी शिकायत हो चुकी थी। रेलवे के अधिकारी आइआरसीटीसी द्वारा दिए जा रहे घटिया खाने से अवगत थे। लेकिन वे इसका क्योंकर विरोध नहीं कर रहे थे। यह समझ से परे है। निहार ने कहा कि पूरे पैसे देने के बावजूद इन लोगों के लालच के कारण भाजपा की केंद्र सरकार बदनाम हो रही थी।