सुंदरगढ़ जिला में पुलिस के लिए सिरदर्द बनी गाय की तस्करी
सुंदरगढ़ जिले में गो तस्करी और स्वयंभू संरक्षण समूहों के बीच बढ़ा टकराव पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
संसू, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले में गो तस्करी और स्वयंभू संरक्षण समूहों के बीच बढ़ा टकराव पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। हाल ही में, गायों की तस्करी के कारण कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुतरा के खटकुरबहाल गांव में तीन प्लाटून फोर्स तैनात करना पड़ा था। चार दिसंबर को रायबोगा थाना क्षेत्र के दलकी अंचल होकर ले जायी जा रहीं 160 गायों की तस्करी तथाकथित कार्यकर्ताओं नाकाम करने के बाद यह घटना उपजी थी। इस घटना के बाद, दो युवकों को हिरासत में लिया गया था और इसके चलते उनके समर्थकों ने पांच दिसंबर को दूसरे पक्ष के साथ झड़प की थी। पुलिस के हस्तक्षेप के कारण बड़े बवाल को रोका जा सका था। सुंदरगढ़ एसपी सागरिका नाथ, एएसपी आरएन बारिक और राजगांगपुर के एसडीपीओ शशांक बेउरा ने कुतरा पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया। एसपी ने कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी। इस झड़प के लिए चार अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। स्थिति नियंत्रण में है और हिसा भड़काने में शामिल व्यक्तियों को गिरफ्तार करने को पुलिस छापेमारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार, मवेशियों की अवैध तस्करी में शामिल लोगों का सीधे तौर पर सामना नहीं करने वाले गोरक्षक का एक अलग मामला है। विगत 30 अक्टूबर को राउरकेला में एक स्कार्पियो में आग लगा दी गई थी जिससे दोनों पक्ष के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि जिले में कई दशकों से पशु तस्करी चल रही है, लेकिन राजगांगपुर, बीरमित्रपुर, राउरकेला और रघुनाथपाली विधानसभा क्षेत्रों में गोरक्षक पिछले तीन से चार वर्षों से ज्यादा सक्रिय हो उठे हैं। ये गोरक्षक पुलिस सहायता मांगने से पहले सीधे गाय ले जाने वाले वाहनों पर धावा बोल रहे हैं। सुंदरगढ़ में गाय की तस्करी किजिरकेला के सीकाजोर और कुतरा के खतकुरबाहल के पशु बाजार से जुड़ी हुई है। जानवरों को निकटवर्ती झारखंड ले जाया जाता है और वहां से उन्हें उत्तर प्रदेश, बिहार और यहां तक की कि बांग्लादेश भेजा जाता है।