हिलटॉप बस्ती को सामुदायिक शौचालय का इंतजार
राउरकेला महानगर निगम अंतर्गत नया बाजार हिलटॉप बस्ती जहां
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला महानगर निगम अंतर्गत नया बाजार हिलटॉप बस्ती जहां डेढ़ सौ से अधिक परिवार निवास करते हैं। बस्ती के लोगों को स्वच्छ भारत मिशन के जरिए शौचालय निर्माण के लिए राशि नहीं मिली है। जानकारी के अभाव में लोग इसके लिए आवेदन भी नहीं कर पाए हैं। बस्ती के लोगों ने सुना है कि एक सामुदायिक शौचालय पहाड़ी साइड में बनने वाला है। सभी उसका इंतजार कर रहे हैं। अधिकतर घरों में शौचालय नहीं होने के कारण उन्हें बाहर जाना पड़ता है।
सेक्टर-21 नया बाजार में पहाड़ी से सटकर बसी चार दशक पुरानी बस्ती में डेढ़ सौ से अधिक परिवार झोपड़ी बनाकर रहते हैं। बस्ती के कुछ ही घरों में टंकी वाला शौचालय है। घरों में शौचालय की जरूरत भी लोगों को महसूस नहीं होती है क्योंकि निकट ही खुला मैदान है एवं झुरमुट वाली पहाड़ी है। इन्हें खुले में शौच से होने वाले नुकसान की जानकारी भी नहीं है। यह बस्ती पांच साल पहले तक राउरकेला विधानसभा क्षेत्र में थी अब इसे रघुनाथपाली विधानसभा क्षेत्र में कर दिया गया है इससे इस बस्ती के लोग अन्य मौलिक सुविधाओं से भी वंचित हो रहे हैं। यहां नालियों व सड़कों का निर्माण नहीं किया गया है जिससे बारिश के दिनों में अधिक परेशानी होती है।
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राउरकेला स्मार्ट सिटी में यह बस्ती है पर यहां हर ओर गंदगी का अंबार लगा है। शौचालय नहीं होने के कारण लोगों को बाहर शौच के लिए जाना पड़ता है। शौचालय निर्माण के लिए सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं मिल रही है।
- सूर्या माझी।
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स्वच्छ भारत अभियान के तहत सरकार की ओर से शौचालय निर्माण के लिए पैसा मिलता है इसकी जानकारी नहीं है। अब तक इसके लिए आवेदन नहीं किया है। घर में शौचालय नहीं होने के कारण परिवार के सभी लोग शौच के लिए बाहर ही जाते हैं।
- मनोज ¨सह।
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अपने घर में शौचालय नहीं है। बस्ती के गिने चुने लोग ऐसे हैं जिनके पास शौचालय निर्माण की क्षमता है। बस्ती के कुछ लोगों को शौचालय के लिए गड्ढा खोदने के बाद पैसा मिलने की बात कही गयी पर अब तक पैसा नहीं मिला।
- बजरंग साव।
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घर में शौचालय बनाने के लिए पैसे नहीं हैं। सरकार की ओर से भी इसके निर्माण के लिए सुविधा नहीं दी जा रही है ऐसे में लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। सुविधा मिलने पर घरों में जरूर शौचालय बनवाएंगे अन्यथा दूसरा विकल्प मैदान ही है।
- शिबू महंती।