'बीमार' गरपोष आयुर्वेदिक चिकित्सालय को इलाज की जरूरत
संबलपुर जिले के बामड़ा प्रखंड अंतर्गत गरपोष स्थित सरकारी आयुर्वेद चिकित्सालय स्वास्थ्यकर्मियों के नहीं होने से बीमार हो गया है। अस्पताल में तैनात कर्मचारियों की कोविड ड्यूटी दूसरे जगह लगने से कई दिनों से यहां ताला लगा हुआ है। नतीजन दूर दराज से आने वाले मरीज बगैर इलाज के मायूस होकर लौट रहे हैं। ऐसे में उन्हें मानसिक शारीरिक और आर्थिक रूप से परेशानी उठानी पड़ रही है।
संसू, बामडा : संबलपुर जिले के बामड़ा प्रखंड अंतर्गत गरपोष स्थित सरकारी आयुर्वेद चिकित्सालय स्वास्थ्यकर्मियों के नहीं होने से 'बीमार' हो गया है। अस्पताल में तैनात कर्मचारियों की कोविड ड्यूटी दूसरे जगह लगने से कई दिनों से यहां ताला लगा हुआ है। नतीजन, दूर दराज से आने वाले मरीज बगैर इलाज के मायूस होकर लौट रहे हैं। ऐसे में उन्हें मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से परेशानी उठानी पड़ रही है।
आदिवासी बहुल बामड़ा प्रखंड के अंतिम छोर पर सुंदरगढ़ जिले की सीमा से सटे गरपोष स्थित आयुर्वेद चिकित्सालय पर संबलपुर और सुंदरगढ़ दोनों जिले के लोग आश्रित है। अस्पताल बंद होने से परिसर में लंबी-लंबी झाड़ियां उग आई हैं।
इलाज कराने आये एक मरीज ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा लंबे समय तक दवा खानी होती है, तब जाकर बीमारी से मुक्ति मिलती है। इस परिस्थिति में अगर अस्पताल बंद रहेगा तो बीमारी ठीक होने में काफी समय लग जाएगा। अस्पताल कब खुलेगा, चिकित्सक कब तक मिलेंगे? इसकी जानकारी नहीं हो पा रही है। अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यहां के चिकित्सकों को कोविड ड्यूटी में विभाग ने कहीं और भेज दिया है। मरीजों को मिलने वाली मुफ्त दवाईयां भी नही मिल रही है। ये दवाईयां बाहर नहीं मिलने से मरीजों को परेशानी हो रही है। उनकी बीमारी ठीक नहीं हो रही है। चिकित्सक के नहीं आने से आयुष सहकर्मी के साथ स्वास्थ्यकर्मी चिकित्सालय में ताला लगाकर खुद को अवकाश पर रख लिए हैं। इस बाबत अंचल के ग्रामीणों ने कई जिला प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। इससे ग्रामीणों में नाराजगी है। उनका कहना है कि अगर शीघ्र ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।