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बेसहारा बहनों को इंदिरा आवास तो मिला पर छत नहीं

बेघरों को घर देने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजना चलाई जा रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर इसकी हकीकत आज भी भयावह है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 08:44 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 08:44 AM (IST)
बेसहारा बहनों को इंदिरा आवास तो मिला पर छत नहीं
बेसहारा बहनों को इंदिरा आवास तो मिला पर छत नहीं

जागरण संवाददाता, राउरकेला : बेघरों को घर देने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजना चलाई जा रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर इसकी हकीकत आज भी भयावह है। इस योजना के तहत लाठीकटा प्रखंड के चिकटमाटी पंचायत अंतर्गत नुआगांव में रहने वाली बेसहारा बहनों को इंदिरा आवास तो मिल गया। लेकिन इसका काम अधूरा रहने के कारण आज भी वे पक्की छत से महरूम है। मां बाप के गुजरने के बाद यहां पर सुबानी कुजूर अपनी मानसिक दिव्यांग बहन पावरेन के साथ रहती है। किसी तरह वह विभिन्न काम कर अपने परिवार का गुजारा करती है। उनका कच्चा घर टूट जाने के कारण सरकार ने साल 2018-19 वित्तीय वर्ष में सुबानी कुजूर के नाम पर इंदिरा आवास का आवंटन हुआ था। सुबानी के बैंक एकाउंट में इसकी राशि भी आ गई। पंचायत की ओर से हरि नामक युवक को इंदिरा आवास के निर्माण के लिए ठेका दिया गया था। ठेकेदार ने सुबानी से बैंक पासबुक व एटीएम ले गया था। जिसके बाद बैंक से पैसे निकालकर ठेकेदार ने आवास का निर्माण शुरू किया था। लेकिन लिंटर का कार्य समाप्त करने के बाद से उसकी कोई खोज खबर नहीं है। वह अब फोन भी नहीं उठा रहा है। इसकी जानकारी सुबानी ने सरपंच को दी थी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे जल्द समस्या का समाधान करेंगे। लेकिन इस बीच तीन साल गुजर गए। आवास का निर्माण नहीं हो पाया है। जिसके कारण सुबानी मजबूरन अपनी दिव्यांग बहन के साथ अ‌र्द्धनिर्मित मकान में रहने को मजबूर है। सुबानी कुजूर ने प्रशासन से अतिशीघ्र समस्या का समाधान करने की मांग की है।

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