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कलाकारों की हालत दयनीय, मदद की दरकार

कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन के चलते सुंदरगढ़ जिले के सैकड़ों कलाकारों का रोजगार छिन गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 07:17 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 07:17 AM (IST)
कलाकारों की हालत दयनीय, मदद की दरकार
कलाकारों की हालत दयनीय, मदद की दरकार

जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोरोना संक्रमण व लॉकडाउन के चलते सुंदरगढ़ जिले के सैकड़ों कलाकारों का रोजगार छिन गया है। सांस्कृतिक कार्यक्रम, आर्केस्ट्रा, भजन संध्या, पार्टी समेत सभी मनरंजन के कार्यक्रमों पर रोक लगी है। इन कार्यक्रमों में अपनी कला का प्रदर्शन कर अपनी जीविका चलाने वाले कलाकार अब घरों में बैठे हैं। कुछ कलाकार निजी संस्था में नौकरी करते हैं उनका रोजगार चल रहा है पर जिनके पास रोजगार नहीं है एवं कला पेशे को अपना सबकुछ मान कर जीवन जी रहे थे उनके समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। जिलापाल, एडीएम, सांसद, विधायक सभी से उन्होंने मदद की गुहार लगाई है।

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सुंदरगढ़ जिले के कलाकार केवल राउरकेला में ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी जाकर कार्यक्रम करते थे। यहां के कलाकारों के गीत, नृत्य के बाहरी राज्य में भी बड़ी संख्या में कद्रदान हैं। आर्केस्ट्रा व भजन दलों की पहचान भी अन्य राज्यों में है। राउरकेला के एनके-9, संगीत एंड संगीत, श्रीक्षेत्र कला परिषद, श्री म्यूजिकल, सरगम आदि आर्केस्ट्रा दल जमशेदपुर, रांची, पटना, संबलपुर, भुवनेश्वर, कटक, कोलकाता समेत अन्य महानगरों व शहरों में जाकर कार्यक्रम प्रस्तुत कर रोजगार करते थे अब उनके पास कोई रोजगार नहीं है। राउरकेला कलाकार एसोसिएशन के अध्यक्ष शंकर जेना, उपाध्यक्ष सुकांत बारिक ने कहा है कि कलाकारों को आर्थिक सहायता देने के लिए जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया गया व गुहार लगाई गई पर कोई लाभ नहीं हुआ। सचिव ललातेंदु साहू का कहना है कि यदि सरकार की ओर से कलाकारों की सहायता नहीं की जाती है तो उनका परिवार बिछुड़ जाएगा। कलाकारों की टीम खत्म हो जाएगी। एनके-9 के कलाकार मनोज कुमार का कहना है कि कोरोना की दो लहर से उनका रोजगार छिन गया है एवं आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। उनके पास दूसरा काम भी नहीं है। बाध्य होकर पिता के साथ बिजली मरम्मत का काम शुरु करना पड़ा। केवल उनका नहीं बल्कि अन्य कलाकारों की भी यही दशा है। माइक्रोफोन व वाद्य यंत्र लेकर लोगों का मनरंजन करने वाले कलाकार दैनिक मजदूरी कर रहे हैं तो कुछ ठेका का काम करने को विवश हो गए हैं।


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