टीबी मरीजों को समय पर नहीं मिल रही दवा
केंद्र सरकार की ओर से टीबी (यक्ष्मा) को समूल समाप्त करने के लिए टीबी निराकरण योजना 2015 से शुरू की गई है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : केंद्र सरकार की ओर से टीबी (यक्ष्मा) को समूल समाप्त करने के लिए टीबी निराकरण योजना 2015 से शुरू की गई है। 2017-18 में विशेष रणनीति के तहत काम शुरु किया गया। राउरकेला सरकारी अस्पताल परिसर में भी इसके लिए केंद्र खोला गया तथा रोगियों की जांच के साथ साथ दवा वितरण शुरू किया गया। 350 से 400 रोगियों की आवश्यकता को लेकर यहां तालिका प्रस्तुत की गई। सुंदरगढ़ मुख्य कार्यालय से दवा मिलने के बाद यहां वितरण किया जाता है। हर महीने 10 तारीख तक दवा मिलने एवं 15 तारीख तक इसका वितरण होना चाहिए पर इस महीने में दवा नहीं आने के कारण वितरण शुरु नहीं हो पाया है। रोगियों को सरकार की ओर से घोषित प्रोत्साहन राशि भी नहीं मिल पा रही है।
टीबी के मरीजों को लगातार छह महीने तक दवा का सेवन करना पड़ता है। दो महीने तक एक प्रकार की दवा फिर चार महीने तक अलग प्रकार की दवा लेनी होती है। बीच में दवा बंद होने से संपूर्ण इलाज में बाधा उत्पन्न होती है। रोगी को पौष्टिक भोजन के लिए हर महीने पांच सौ रुपये प्रोत्साहन राशि उनके बैंक खाते में देने की व्यवस्था है। राउरकेला सरकारी अस्पताल स्थित केंद्र से पानपोष, इस्पात जनरल अस्पताल, फर्टिलाइजर सेल अस्पताल, तिलकानगर अर्बन हेल्थ सेंटर, हाइटेक मेडिकल कालेज समेत आठ स्थानों पर दवा वितरण की व्यवस्था है। समय पर दवा नहीं आने के कारण रोगियों में ठीक तरह से वितरण नहीं हो पा रहा है। इतना ही नहीं प्रोत्साहन राशि भी कुछ महीने से नहीं मिल रही है जिससे टीबी निराकरण योजना की सफलता पर सवाल उठाये जा रहे हैं।
कोट-
दवा वितरण में विलंब के संबंध में संबधित अधिकारी से बातचीत कर शीघ्र इसका समाधान किया जाएगा। पासबुक एवं आधार कार्ड में गड़बड़ी के कारण कुछ लोगों के खाते में पैसा नहीं पहुंच पाता है। इसकी भी छानबीन की जाएगी।
डॉ. एसके मिश्र, जिला चिकित्सा अधिकारी।