स्पॉट एडमिशन में ठगी के शिकार छात्रों ने प्रिसिपल को घेरा
म्युनिसिपल कॉलेज में स्पॉट एडमिशन के नाम पर आदिवासी छात्र-
जागरण संवाददाता, राउरकेला : म्युनिसिपल कॉलेज में स्पॉट एडमिशन के नाम पर आदिवासी छात्र- छात्राओं से सात हजार रुपये ठगने के मामले में शनिवार को ठगी के शिकार छात्रों ने प्रिसिपल का उनके कार्यालय में घेराव कर दिया। छात्रों ने आरोप लगाया कि उनका पत्राचार के माध्यम से दाखिला करा दिया गया था। डेढ़ साल बीतने के बाद भी इन छात्र- छात्राओं को न तो कॉलेज में उपस्थिति दर्ज की जा रही थी और न ही इन्हें एडमिशन के नाम पर लिए पैसे वापस किए जा रहे थे। छात्र- छात्राओं के अनुसार पैसा लेने वाले कॉलेज के चपरासी मनराज गौड़ उर्फ कौड़ी के खिलाफ ही कॉलेज प्रबंधन कार्रवाई कर रहा था।
उक्त मामले में नौ जुलाई को विद्यार्थियों ने उदितनगर थाने में भी चपरासी मनराज गौड़ के खिलाफ शिकायत की थी। मामले में पुलिस भी चुप रही। दैनिक जागरण ने 10 जुलाई को इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसके बाद उत्कल विकास चैरीटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष जोयमाझी मुंडा तथा समाजसेवी शबनम एक्का ने ठगी के शिकार विद्यार्थियों से संपर्क कर उनके साथ मिलकर घटना की जानकारी ली। शनिवार को जोयमाझी मुंडा तथा समाजसेवी शबनम एक्का की अगुआई में कॉलेज के एससी-एसटी विभाग के विद्यार्थियों ने भी इन ठगी के शिकार विद्यार्थियों के समर्थन में प्रिसिपल शरत कुमार सतपती का घेराव कर विद्यार्थियों को इसी कॉलेज में रेगुलर करने, रुपये वापस दिलाने, ठगी करने वाला चपरासी मनराज गौड़ के खिलाफ कडी कार्रवाई करने की मांग की।
इस पर कॉलेज के प्रिंसिपल शरत कुमार पाणीग्राही का कहना था कि स्पॉट एडमिशन के नाम पर ठगी का मामला मेरे पास आने के बाद सच्चाई का पता लगाने के लिए मैंने शनिवार को तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। जिसमें कॉलेज के तीन सीनियर लेक्चरर डॉ. अजय मिश्रा, प्रदीप मिश्रा तथा डॉ. प्रकाश कर को शामिल किया गया। मेरे पास 6 विद्यार्थियों ने शिकायत की थी। इनमें से चार विद्यार्थी के साथ संपर्क हो पाया है। जांच कमेटी को चार विद्यार्थियों ने कॉलेज के चपरासी मनराज कौड़ी को स्पॉट एडमिशन के लिए पैसे देने की बात कही है। इसके आधार पर चपरासी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह मामला नौ जुलाई को उदितनगर थाने पहुंचने के बाद 10 जुलाई को चपरासी मनराज गौड़ उर्फ कौड़ी को तीन दिन के भीतर अपनी सफाई देने का निर्देश दिया गया था। लेकिन आज 10 दिन बीतने के बाद भी उसका कोई पता नहीं है। कॉलेज के नियम के अनुसार उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ठगी के शिकार होने वाले विद्यार्थियों को पत्राचार के माध्यम से अगली परीक्षा देने की सुविधा दी जाएगी। उसके बाद प्लस- टू में सभी को इसी कॉलेज में रेगुलर किया जाएगा ।