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कृषि विज्ञान केन्द्र व एग्रो पालीटेक्निक अधर में

ओडिशा कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के तहत कृषि विज्ञान केंद्र व एग्रो पालीटेक्निक का काम अधर में लटक गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 11:03 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 11:03 PM (IST)
कृषि विज्ञान केन्द्र व एग्रो पालीटेक्निक अधर में
कृषि विज्ञान केन्द्र व एग्रो पालीटेक्निक अधर में

कृषि विज्ञान केन्द्र व एग्रो पालीटेक्निक अधर में

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जासं, राउरकेला : आडिशा कृषि और तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से 20 सीट वाले एग्रो पालीटेक्निक शैक्षिक संस्था की स्थापना का लक्ष्य 2012 में बांकिया में जमीन की पहचान की गई थी। राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद से इसे स्वीकृत मिली थी। जिला प्रशासन की ओर से इसके लिए 50 एकड़ जमीन मुहैया कराई गई। पानपोष व बणई अनुमंडल के आठ ब्लाक को ध्यान में रखकर काम शुरू हुआ पर आदिवासी मूलवासी बचाओ मंच की ओर से इसका विरोध किया गया एवं मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद योजना अधर में है। 10 साल बीत जाने के बावजूद इसका काम शुरु नहीं हो पाया है। कृषि एवं कृषक के विकास के लिए राज्य सरकार की ओर से 30 जिलों में 30 कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित किए गए हैं। सुंदरगढ़ जिले के लिए राउरकेला के बांकिया में 2012 में कृषि विज्ञान केन्द्र व एग्रो पॉलिटेक्निक की स्थापना के लिए काम शुरू किया गया। इसका लक्ष्य किसानों को उन्नत कृषि तथा अत्याधुनिक ज्ञान कौशल संबंधित जानकारी और प्रशिक्षण देना था। यहां 20 विद्यार्थियों को कृषि में डिप्लोमा की शिक्षा भी मिलनी थी। राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद से इसकी मंजूरी भी मिल गई। ओडिशा कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से काम शुरू किया गया। जिला प्रशासन की ओर से इसके लिए बांकिया में राउरकेला इस्पात संयंत्र द्वारा अधि्ग्रहित 50 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई। तब कृषि तकनीकी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र तथा रघुनाथपाली के विधायक सुब्रत तरई को इसके प्रबंधन कमेटी का सदस्य बनाया गया था। सुंदरगढ़ जिला आदिवासी अधिसूचित होने के कारण बिना ग्राम सभा की स्वीकृति के काम शुरू होने पर सुंदरगढ़ जिला आदिवासी मूलवासी बचाओ मंच की ओर से विरोध किया गया था। पूर्व विधायक जार्ज तिर्की की अगुवाई में विस्थापितों के आंदोलन के चलते काम रुक गया है। विस्थापितों की ओर इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दी गई। इस कारण दस साल से इसका काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इसका निर्माण कार्य होने से केवल सुंदरगढ़ जिला ही नहीं बल्कि वृहत परियोजना से पश्चिम ओडिशा में कृषि के विकास के लिए काम हो सकता है।


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