जिले में खुलेआम हो रही गोवंश की तस्करी
रायबोगा- बीरमित्रपुर मार्ग से गोवंश की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है। इसे लेकर अल्पसंख्यक समुदाय व हिन्दू संगठनों के बीच अक्सर विवाद की घटनाएं सामने आती हैं।
संवादसूत्र, बीरमित्रपुर : रायबोगा- बीरमित्रपुर मार्ग से गोवंश की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है। इसे लेकर अल्पसंख्यक समुदाय व हिन्दू संगठनों के बीच अक्सर विवाद की घटनाएं सामने आती हैं।
सुंदरगढ़ जिले के सरगीपाली, हेमगिर एवं छत्तीसगढ़ सीमावर्ती क्षेत्र के पशु बाजारों से गोवंश खरीद कर तस्कर कुतरा के खतकुलबहाल तक लेकर आते हैं। यहां के तस्कर झारखंड के टोकलो, चाइबासा समेत अन्य क्षेत्र के बूचड़खानों से जुड़े लोगों को गोवंश बेच देते हैं। इस गिरोह के द्वारा गोवंश को कुतरा रांची रोड, रायबोगा होते हुए बीरमित्रपुर, हाथीबाड़ी, नुआगांव, लुआराम होते हुए झारखंड के आनंदपुर, गोइलकेरा जंगल से होकर सोनुआ, चक्रधरपुर होते हुए टोकलो तक भेजा जा रहा है। गोवंश को खदेड़ कर ले जाने के लिए तस्कर स्थानीय लोगों की मदद ले रहे हैं। कुछ-कुछ दूरी पर खदेड़ने वालों को रखा गया है जो अपनी सीमा तक उन्हें पार कराने की जिम्मेदारी निभाते हैं। मार्ग में पड़ने वाले इलाके के कुछ प्रभावशाली लोगों को भी रकम देकर पक्ष में रखा गया है। सप्ताह भर में तीन सौ से अधिक गोवंश पकड़े जा चुके हैं। तस्कर इसका बदला लेने की फिराक में है जिससे हिंसा की आशंका बनी हुई है।