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मूर्तिकार और पूजा कमेटी असमंजस में

इस साल गणेश उत्सव को लेकर शहर के मूर्तिकार से लेकर पूजा कमेटियों के पदाधिकारी असमंजस में है। शहर में इस साल भी गणेश पूजा को लेकर जिला प्रशासन की ओर से गाइड लाइन 3 सितंबर बीतने के बावजूद ना ही राज्य सरकार तथा ना ही स्थानीय जिला प्रशासन की ओर से कोई गाइड लाइन जारी की गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 06:01 AM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 06:01 AM (IST)
मूर्तिकार और पूजा कमेटी असमंजस में
मूर्तिकार और पूजा कमेटी असमंजस में

राउरकेला। इस साल गणेश उत्सव को लेकर शहर के मूर्तिकार से लेकर पूजा कमेटियों के पदाधिकारी असमंजस में है। शहर में इस साल भी गणेश पूजा को लेकर जिला प्रशासन की ओर से गाइड लाइन 3 सितंबर बीतने के बावजूद ना ही राज्य सरकार तथा ना ही स्थानीय जिला प्रशासन की ओर से कोई गाइड लाइन जारी की गई है। असमंजस के बीच में कारीगरों ने विगत साल की तर्ज पर चार फीट की मूर्ति के साथ अधिकांश रूप में छोटी मूर्तियां बनाने पर जोर दे रहे है। जबकि भुवनेश्वर नगरपालिका (बीएमसी) तथा राजगांगपुर पुलिस प्रशास की गाइड लाइन जारी कर दी गई है।

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कम कारीगर बना रहे मूर्तियां

संक्रमण को देखते हुए कारीगर जहां पहले एक स्थान पर 40 से 50 कारीगर को लेकर मूर्तियां बनाने का काम करते थे। विगत दो सालों से 5 से 10 कारीगरों को लेकर काम किया जा रहा है। कोविड के कारण बड़ी मूर्तियां नहीं बनने के कारण बाहर के कारीगरों को कहीं कम तो कहीं पर एकदम से ही नहीं बुलाया गया है। नहीं तो हर साल कोलकाता से कई कारीगर मूर्ति बनाने शहर पहुंचते थे।

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30 स्थानों पर होता पूजा का आयोजन, फिलहाल बंद

हर साल शहर भर में 30 जगहों पर बड़ी मूर्ति स्थापित कर गणेशोत्सव का आयोजन होता है। जबकि शहर के सिविल टाउनशिप, बासंती कालोनी, छेंड, पावर हाउस के पार्किंग समेत अन्य जगहों पर मेले का भी आयोजन किया जाता था। लेकिन कोविड के कारण आयोजन बंद हो गया है ।

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इस साल मूर्तियों की कीमत

कोविड के कारण हर सामग्री की कीमत में बढ़ोतरी के साथ गणेश भगवान की पूजा को देखते हुए शहर में 500 ( पांच सौ रुपया), 1000 (एक हजार) से लेकर 3000 (तीन हजार) रुपये कीमत रखी गई है।

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दो सालों से कोरोना महामारी के कारण खास कर शहर के विभिन्न अंचलों के मूर्ति कारीगरों के साथ- साथ मूर्ति बनाने का काम करने वाले कारीगरों की हालत काफी दयनीय हो गई है। राज्य सरकार सभी वर्ग के लिए विभिन्न योजना के माध्यम से सहायता राशि के साथ विभिन्न प्रकार की सहायता कर रही है। लेकिन दो सालों से ना तो कारीगर को राज्य सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की सहायता या सहयोग प्रदान किया गया है। राज्य सरकार के साथ- साथ स्थानीय जिला प्रशासन भी हम लोगों की सहायता और सहयोग करें।

- बाबुली साहू, मूर्ति कलाकार, चंदेसनश्वर शिल्प मंदिर, उदितनगर।


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