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2030 तक सेल की उत्पादन क्षमता हो जाएगी 300 मिलियन टन: धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि सेल का टर्नओवर (अर्थ नीति) 2020 तक दोगुना हो जाएगा।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 10:58 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 10:58 AM (IST)
2030 तक सेल की उत्पादन क्षमता हो जाएगी 300 मिलियन टन: धर्मेंद्र प्रधान
2030 तक सेल की उत्पादन क्षमता हो जाएगी 300 मिलियन टन: धर्मेंद्र प्रधान

राउरकेला, जेएनएन। सेल की उत्पादन क्षमता अगले दस साल में दोगुनी से अधिक हो जाएगी। मौजूदा उत्पादन 140 मिलियन टन प्रतिवर्ष 2030 तक 300 मिलियन टन हो जाएगा। सेल छोटे व मंझोले उद्योगों को उपलब्ध कच्चा माल कराएगी। वहीं राउरकेला संयंत्र समेत सेल का टर्नओवर (अर्थ नीति) 2020 तक दोगुना हो जाएगा। यह बात केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को मीडिया कांफ्रेंस में दी।

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प्रधान तीन दिवसीय राउरकेला दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर चुनौतियों का सामना कर रहे इस्पात उद्योग में सेल की प्रासंगिकता को न केवल बरकरार रखा जाएगा बल्कि इसके ढांचे व तंत्र में सकारात्मक बदलाव कर निरंतर विकास हमारा लक्ष्य है। जो नीतिगत बदलाव किए जा रहे हैं उसका नतीजा शीघ्र दिखेगा। उन्होंने कहा कि सेल के विकास के लिए कई नीतिगत फैसले लिए जा रहे हैं। जिसका असर

शीघ्र दिखने लगेगा। 

खदानों पर लगी बंदिश हटाने का प्रयास

खासकर सेल के खदानों से निकलने वाले खनिज के इस्तेमाल को लेकर जो बंदिशें थी उसे हटाने का प्रयास

चल रहा है। जिससे सेल अपने खदान के खनिज का इस्तेमाल करने के बाद एक तय मात्रा में इसे बाकी के लघु व मध्यम इकाइयों को उपलब्ध भी करा सकेगा। इससे आय बढ़ाने की उम्मीद है।

सेल की जमीन पर बसी बस्तियों को पीएम आवास योजना से जोड़ने का प्रस्ताव

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेल की जमीन पर अवैध कब्जा है, इससे इन्कार नहीं किया जा सकता। लेकिन उनका शहरों की अर्थनीति में योगदान है। वहीं सेल को अपने क्षमता में विस्तार के लिए जमीन की जरूरत है। इन दोनों बातों के मद्देनजर एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है कि बस्तियों में रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों, सेल के अधिकारियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की गयी है। इस पर विस्तृत काम करने की

आवश्यकता है। सेल को जो जमीन चाहिए वह मिल जाए और बस्तीवासियों को घर मिल जाए तो कई समस्याओं का एक साथ समाधान होगा। जो सभी के हित में होगा। 

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