आरएसपी को सुरक्षा मानकों में बड़ी उपलब्धि, सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन मिला
राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) को पहली बार बड़े आकार के संगठनों की श्रेणी के तहत उद्योग-2020 के लिए 9वें फिक्की सेफ्टी सिस्टम्स एक्सीलेंस अवार्ड्स में प्रतिष्ठित सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन से सम्मानित किया गया।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) को पहली बार बड़े आकार के संगठनों की श्रेणी के तहत उद्योग-2020 के लिए 9वें फिक्की सेफ्टी सिस्टम्स एक्सीलेंस अवार्ड्स में प्रतिष्ठित सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन से सम्मानित किया गया। यह संगठन के अंदर सुरक्षा प्रणाली में अच्छी प्रथाओं का पालन के मान्यता के रूप में आया है। 22 जुलाई को आयोजित ऑनलाइन पुरस्कार वितरण समारोह में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। कार्यपालक निदेशक (ऑपरेशन) एसआर सूर्यवंशी और मुख्य महा प्रबंधक (सुरक्षा इंजीनियरिग एवं अग्नि) असीम बेहरा ने आरएसपी की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया। 24 जुलाई को एक कार्यक्रम में मुख्य महाप्रबंधक (सुरक्षा इंजीनियरिग एवं अग्नि) असीम बेहरा एवं महाप्रबंधक (सुरक्षा इंजीनियरिग) एससी महंती ने आरएसपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक चट्टराज को उक्त प्रशस्ति पत्र सौंपा।
उल्लेखनीय है कि मूल्यांकन प्रक्रिया कठोर 3 गुना प्रक्रिया थी। पहले चरण में, संगठन की सुरक्षा संस्कृति और सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए आवेदन दस्तावेज जमा किया गया। स्क्रीनिग के बाद दूसरा चरण वर्चुअल मोड में आयोजित किया गया था जहां फिक्की के दो अनुभवी लेखा परीक्षकों द्वारा ऑडिट किया गया था। दूसरे चरण में संगठन के सुरक्षा मानकों के सत्यापन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों के साथ दस्तावे•ा सत्यापन और विचार-विमर्श सत्र का गठन किया गया। फाइनल फेज के लिए शॉर्टलिस्ट होने के बाद फिक्की के 3 जूरी सदस्यों के सामने वर्चुअल प्रस्तुतीकरण किया गया। अंतिम चरण में प्रश्न उत्तर सत्र के बाद 'एक नजर में आरएसपी और मुख्य विशेषताएं और आरएसपी में सुरक्षा प्रणालियों की सर्वोत्तम प्रथाओं' पर 10 मिनट की प्रस्तुतीकरण शामिल थी। मूल्यांकन के उपरोक्त 3 चरणों को व्यापार उत्कृष्टता और सुरक्षा इंजीनियरिग विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालन किया गया।
राउरकेला इस्पात संयंत्र दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा प्रणाली, इंजीनियरिग नियंत्रण और व्यवहार संबंधी पहलुओं को प्राथमिकता देने एवं लगातार बनाए रखने के साथ-साथ उन्हें मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है ताकि यह शून्य दुर्घटना कार्यस्थल को प्राप्त कर सके।