Move to Jagran APP

राउरकेला अलग डिवीजन की आस अधूरी

राउरकेला को अलग रेल डिवीजन बनाने की मांग दो दशक से भी ज्या

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 11:21 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 11:21 PM (IST)
राउरकेला अलग डिवीजन की आस अधूरी
राउरकेला अलग डिवीजन की आस अधूरी

जागरण संवाददाता, राउरकेला: राउरकेला को अलग रेल डिवीजन बनाने की मांग दो दशक से भी ज्यादा पुरानी है। इस मांग को लेकर राजनीतिक दलों से लेकर राजनीतिक संगठनों ने धरना-प्रदर्शन के साथ रेल रोको से लेकर आर्थिक नाकाबंदी भी की। इसके लिए रेलवे मंत्री से लेकर रेलवे जीएम तक ज्ञापन भेजने से लेकर मिलने का सिलसिला भी चला। लेकिन न तो नाकाबंदी काम आया तो न ही रेलवे मंत्री से लेकर रेल मंत्री से की गई गुहार। नतीजतन राउरकेला को अलग डिवीजन बनाने की मांग अब तक धार नहीं पकड़ सकी है। जबकि यह मुद्दा राजनीतिक दलों से लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों के लिए प्रमुख मुद्दा है।

loksabha election banner

वर्तमान राउरकेला स्टेशन दक्षिण-पूर्व रेलवे के अंतर्गत चक्रधरपुर रेल मंडल के अधीन आता है। जिसमें इस स्टेशन से चक्रधरपुर रेल मंडल समेत पूरे दपू रेलवे जोन को राजस्व के रूप में बड़ी राशि प्राप्त होती है। लेकिन यहां के राजनीतिक दलों से लेकर सामाजिक संगठनों की ओर से लगातार यह आरोप लगाया जाता रहा है कि इतना राजस्व पाने के बाद भी इस स्टेशन का जैसा विकास होना चाहिए, वैसा विकास नहीं हो पा रहा है। हाल ही में वाल्टियर डिवीजन को दो भागों में विभक्त कर रायगढ़ा को अलग डिवीजन बना दिया गया है। जबकि राउरकेला को अलग डिवीजन बनाने की मांग लगातार होने के बाद भी इस मांग को अब तक रेलवे मंत्रालय से लेकर रेलवे प्रबंधन की ओर से दरकिनार किए जाने का आरोप अक्सर लगता रहा है।

अलग डिवीजन बनने के लिये है आधारभूत सरंचना: राउरकेला को अलग डिवीजन बनाने के लिए जमीन की जरूरत भी है। लेकिन डिवीजन बनाने के लिए रेलवे के पास जमीन भी है। यदि इस मांग को लेकर केंद्र सरकार पहल करती है तो बंडामुंडा में अलग डिवीजन बनाने के लिए जमीन मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन इसके लिए गहन राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत महसूस की जा रही है।

एक्सपर्ट की राय

राउरकेला डिवीजन बनाने के लिए पर्याप्त सरंचना है। जिसमें राउरकेला से लेकर एक छोर में झारसुगुडा तक, दूसरे छोर में बीरमित्रपुर तक तथा तीसरे छोर में करमपदा तक अंचल को इस डिवीजन में शामिल किया जा सकता है। वैसे भी जब वाल्टियर डिवीजन को काटकर अलग जोन बनाने के साथ जब रायगढ़ा को जब अलग डिवीजन बनाया जा सकता है तो राउरकेला को अलग डिवीजन बनाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

- वेदप्रकाश तिवारी, आरटीआइ कार्यकर्ता, राउरकेला।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.