सभी को रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधा मिले
आम चुनाव का खुमार अब लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। ओडिशा में ल
जेएनएन, राउरकेला: आम चुनाव का खुमार अब लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। ओडिशा में लोकसभा के साथ विधानसभा का चुनाव भी एक साथ होने से यहां दोनों चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी है। जिसमें प्रत्याशियों ने समर्थन हासिल करने के लिए नए व युवा वोटरों पर भी अपनी नजर रखी है। जिसमें तरह-तरह के वादे व प्रलोभन के साथ युवाओं को लुभाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे जागरण ने यहां पर पहली बार वोट देने वाले युवाओं के मन की थाह लेने का प्रयास किया ताकि पता चल सके कि चुनाव में पहली बार मतदान करने के लिये किन-किन मुद्दों को लेकर उनके दिमाग में क्या उथल-पुथल चल रही है। रविवार को डालमिया कॉलेज के छह छात्र-छात्राओं से बातचीत कर उनकी राय ली गई तो उनमें से ज्यादातर ने रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य को अपना मुद्दा बताया।
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देश में शिक्षा की यह हालत है कि शिक्षा खत्म करने के बाद नौकरी के लिये दर-दर भटकना पड़ता है। वहीं शिक्षा भी ऐसी हो कि शिक्षा पूरी करने के बाद रोजगार मिलने में दिक्कत न हो। मतदान के लिये मेरा फोकस रोजगार व शिक्षा के मुद्दे पर ही रहेगा।
- अमित शर्मा।
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युवाओ के लिये रोजगार पहली प्राथमिकता है। लेकिन रोजगार का संकट होने के साथ शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा भी महंगी होती जा रही है। जिससे मुझे लगता है कि हम जैसे नये वोटरों के लिये रोजगार के साथ-साथ शिक्षा व स्वास्थ्य को भी मुद्दा बनाकर वोट करना चाहिए।
- अनुष्का श्रेष्ठ।
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रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य की समस्या मुद्दा तो है ही। इसके साथ-साथ विकास समेत देश की सुरक्षा के मुद्दे को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता है। मतदान के लिये मैं तो इन सभी मुद्दों को जेहन में रखकर मतदान करुंगा।
- विकी साह।
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यदि मैं अपने अंचल की बात करुं तो यहां मुद्दों की भरमार है, जैसे सड़क, पानी, बिजली, रेलवे ओवरब्रिज व अन्य कई। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दों के बारे में सोचूं तो मेरा मुद्दा देश का विकास व सुरक्षा ही प्रमुख मुद्दा होगा।
- नेहा कुमारी।
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युवाओंके लिये रोजगार ही सबसे बड़ा मुद्दा होता है। लेकिन रोजगार के साथ-साथ अंचल के विकास के लिये अच्छी सड़क के साथ 24 घंटे पानी व बिजली की आपूर्ति भी मेरी नजर में प्रमुख मुद्दों में एक है।
- सिपी केसरी।
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यदि शिक्षा व्यवस्था अच्छी हो तो रोजगार में कोई दिक्कत नहीं होती है। जिस कारण शिक्षा व्यवस्था का बेहतर होना जरूरी है। मेरा फोकस तो इसी मुद्दे पर रहेगा।
-टुंपा सिंह।