राउरकेला बीएड कालेज को एनसीटीई की स्वीकृति की प्रतीक्षा
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला के नया बाजार स्थित सरकारी बीएड कालेज में शिक्षकों व संसाधन की कमी के कारण नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन की ओर से दो साल से यहां पढ़ाई के लिए अनुमति पर रोक लगा दी गई थी। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से प्रिंसिपल को मिलाकर छह प्राध्यापकों की नियुक्ति देने तथा 50 सीट आवंटित करने के बाद यहां नामांकन की उम्मीद जगी है पर अब तक काउंसिल की अनुमति अब तक नहीं मिल पायी है। राज्य के अन्य सरकारी कालेज में नामांकन के लिए विज्ञप्ति जारी हो गई है पर राउरकेला में विज्ञप्ति भी जारी नहीं की जा सकी है। जिससे यहां नामांकन कराने एवं पढ़ाई करने को लेकर आशंका बरकरार है। फोटो के साथ 300 शब्द।
सेक्टर-21 के नया बाजार में 1981 में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए बीएड कॉलेज की स्थापना की गयी थी। पहले यह राउरकेला कॉलेज ऑफ एजुकेशनल ट्र्रेंनिंग के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नामकरण शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय किया गया। एक सौ सीट वाले इस कॉलेज में प्रशिक्षण के लिए 1996 में एनसीटीइ की अनुमति मिली और संस्थान चलता रहा। 31 मई 2015 को इसे बीएड कॉलेज के रूप में मान्यता दी गयी। एनसीटीइ के नियमावली के मुताबिक बिल्डिंग प्लान, निर्माण कार्य किया गया। प्रमाणपत्र, एंडाउमेंट फंड, रिजर्व फंड प्रदान, अत्याधुनिक वेबसाइट, संस्थान का क्षेत्रफल कम से कम दो हजार वर्ग मीटर होना आवश्यक है। एनसीटीइ की पूर्वांचल आंचलिक कमेटी की बैठक में इसे स्वीकृति दी गई। इसके बाद 20 अप्रैल 2018 को राउरकेला स्थित बीएड कॉलेज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 18 मई 2019 को संस्थान को दोबारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 27 मई 2019 को संस्थान की ओर से अपना पक्ष रखा गया। 26 जुलाई 2019 को पूर्वांचल आंचलिक कमेटी की बैठक में 275वीं बैठक में सभी पहलुओं की समीक्षा की गयी तथा 28 अगस्त 2019 को जारी नोटिस में 2020-21 शिक्षा वर्ष में नामांकन पर पाबंदी लगा दी गई थी। राज्य सरकार की नई विज्ञप्ति के अनुसार इस वर्ष भुवनेश्वर, कटक, ब्रह्मपुर, अनुगुल, बालेश्वर, बलांगीर, फुलबानी को 400 सीट में से 50-50 सीट दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से राउरकेला बीएड कालेज में पांच प्राध्यापक एवं एक प्रिंसिपल नियुक्त किया गया है। इससे यहां 50 सीट पर नामांकन की उम्मीद है केवल काउंसिल की अनुमति मिलने पर नामांकन प्रक्रिया शुरु होगी।