धीमी गति से हो रहा है डीएवी तालाब का कायाकल्प
शहर के सबसे पुराने डीएवी तालाब के कायाकल्प का काम धीमी गति से चल रहा है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : शहर के सबसे पुराने डीएवी तालाब के कायाकल्प का काम धीमी गति से चल रहा है। 8.97 करोड़ की लागत पर इसका काम नवंबर 2021 तक पूरा करना था पर इसके आसार नजर नहीं आ रहे हैं। यहां फूड स्टॉल, बोटिग, पिकनिक स्पॉट, बच्चों के खेलने की जगह, खुला मंच आदि का निर्माण कराया जा रहा है। कार्तिक पूर्णिमा व छठ के समय यहां स्नान व अर्घ्य देने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। तालाब में जलकुंभी एवं पंक भरा है जिसकी सफाई नहीं की गई है।
डीएवी तालाब का इस्तेमाल आसपास की बस्ती के लोग स्नान के लिए भी करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा व छठ के मौके पर इस तालाब का महत्व अधिक बढ़ जाता है। साल में दो बार यहां बड़े कार्यक्रम होते हैं। तालाब पंक व जलकुंभी से भरा होने के कारण स्नान के लिए भी जगह कम पड़ रही है। गंदगी बढ़ने के कारण यहां मूर्ति विसर्जन पर भी रोक लगाई गई है। घेराबंदी नहीं होने के कारण बस्ती क्षेत्र के लोग तालाब के किनारे ही शौच कर रहे हैं। तालाब में मछली पालन भी नहीं हो पा रहा है। राउरकेला महानगर निगम की ओर से इस तालाब के सौंदर्यीकरण के साथ पर्यटन स्थल में तब्दील करने के लिए काम शुरू किया गया है। इसका काम नवंबर महीने तक पूरा होना था पर यह काम धीमी गति से चलने के कारण यह प्रथम स्टेज पर ही है। यहां पर शहर वासियों के लिए फूड स्टॉल, नौका विहार, पिकनिक स्पॉट, पार्क, बच्चों के खेलने के लिए साधन, खुला मंच आदि की सुविधा होगी। प्राकृतिक दृश्य वाले पाथ वे का भी निर्माण 11 महीने के अंदर पूरा करना था। नवंबर आने में कुछ ही दिन शेष हैं पर अब तक यहां फूड स्टॉल ही बन पाए हैं। निर्माण कार्य रुका होने के कारण बालू, मिट्टी बहकर तालाब में जा रही है। निर्धारित समय पर काम नहीं होने से इसकी लागत भी बढ़ती जा रही है। जाड़ा शुरू होने से पहले ही इसका काम पूरा होने की उम्मीद शहर वासियो को थी पर यह पूरा होना संभव नहीं नजर आ रहा है।