दस किशोरियां और चार लड़के मुक्त, दलाल गिरफ्तार
मानव तस्करी की पुष्टि के बाद 10 नाबालिग लड़कियों एवं चार युवकों को दलाल के चंगुल से मुक्त करा लिया।
राउरकेला, जेएनएन। मानव तस्कर झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के 10 नाबालिग लड़कियों एवं चार युवकों को मोटी कमाई का प्रलोभन देकर तमिलनाडु राज्य के कोयंबटूर जिले के गणेशपुरम स्थित एक सूत मिल में काम कराने के लिए ले जा रहा था। राउरकेला स्टेशन पर मंगलवार की शाम रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों ने शक के आधार पूछताछ की। पूछताछ में मानव तस्करी की पुष्टि के बाद सभी को दलाल के चंगुल से मुक्त करा लिया।
राउरकेला आरपीएफ थाना अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि मंगलवार शाम को चक्रधरपुर स्टेशन से टाटा-एलेप्पी ट्रेन में 10 नाबालिग लड़कियां व चार युवक सवार हुए थे। ट्रेन खुलने के पश्चात तैनात आरपीएफ के सुरक्षा दस्ते ने एसी कोच के बोगी बी-2 एवं बी-3 में नाबालिग आदिवासी बालिकाओं के देखा तो संदेह हुआ। जवानों ने पूछताछ की तो लड़कियों ने तमिलनाडु में एक सूत मिल में काम करने के लिए सेलवाराज नामक युवक के साथ जाने की बात कही। जवानों ने जब सेलवाराज से पूछताछ की तो वह संतोषजनक जबाव नहीं दे सका। इस पर जवानों ने उन्हें सूचित किया।
रात लगभग 8 बजे उक्त ट्रेन जैसे ही राउरकेला स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची तो उन्होंने जीआरपी अधिकारियों के साथ एसी कोच में पहुंचकर लड़कियों को मुक्त कराया। दलाल सेलवाराज से पूछने पर उसने स्लीपर बोगी के एसटी-1 में चार युवकों के होने की जानकारी दी। जिस पर युवकों को भी मुक्त कराया गया। सभी नाबालिग लड़कियों को दिशा चाइल्ड लाइन को सौंपा गया है। जबकि युवकों को पूछताछ करने के बाद उनके घर भेज दिया गया। वहीं इन लड़कियों व युवकों को ले जाने के लिए कोई दस्तावेज नहीं होने के कारण तामिलनाडु के कोयंबटूर निवासी दलाल के सेलवाराज को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रति व्यक्ति मिलता एक हजार रुपये कमीशन : दलाल का साथ देनेवाले सत्येंद्र गौड़ ने बताया कि तमिलनाडु ले जाने के लिए उसे प्रति व्यक्ति एक हजार रुपये कमीशन मिलता है। उसने बताया कि वह तमिलनाडु में झारखंड के नाबालिगों को काम दिलाने के लिए पहले भी ले जा चुका है। उक्त सूत मिल में झारखंड के 50 से 60 युवक- युवतियां काम करने की बात उसने बतायी है।
14 हजार रुपये प्रति माह वेतन का मिला था झांसा
मुक्त करायी गयी एक बालिका ने बताया कि हर महीना 14 हजार रुपये वेतन देने की बात कहकर उन्हें तमिलनाडु ले जाया जा रहा था।
कोट मुक्त कराई गई बालिकाओं से बरामद किया गया आधार कार्ड नकली है। जिसमें सभी की उम्र बढ़ाकर बतायी गयी है। जिससे झारखंड में जहां पर इनके आधार कार्ड बने हैं। उन केंद्रों की जांच करने की मांग को लेकर मैंने राउरकेला जीआरपी में प्राथमिकी दर्ज करायी है।
अबुल कलाम आजाद, निदेशक, दिशा।