आजाद भारत के प्राण थे डा. राजेंद्र प्रसाद
राष्ट्रभाषा एवं समाज कल्याण संघ की ओर से स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती मालगोदाम रोड स्थित लायंस आदर्श स्कूल परिसर में मनायी गयी। इसमें कल्याणी देवी हाईस्कूल के सेवानिवृत्त प्राचार्य उमाशंकर तिवारी ने कहा कि डा. राजेन्द्र प्रसाद आजाद भारत के प्राण थे। उन्होंने पद पर रहकर गांव व राष्ट्र का नाम रोशन किया। राष्ट्रभाषा को बढ़ावा देने में उनका अहम योगदान रहा। पटना में राष्ट्रीय महाविद्यालय की स्थापना में उनका बड़ा योगदान रहा। मौलाना मजरुल हक ने अपनी सारी संपति कालेज के लिए दान कर दी थी।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राष्ट्रभाषा एवं समाज कल्याण संघ की ओर से स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती मनायी गयी। इसमें कल्याणी देवी हाईस्कूल के सेवानिवृत प्राचार्य उमाशंकर तिवारी ने कहा कि डा. राजेंद्र प्रसाद आजाद भारत के प्राण थे। उन्होंने पद पर रहकर गांव व राष्ट्र का नाम रोशन किया। राष्ट्रभाषा को बढ़ावा देने में उनका अहम योगदान रहा। पटना में राष्ट्रीय महाविद्यालय की स्थापना में उनका बड़ा योगदान रहा। मौलाना मजरुल हक ने अपनी सारी संपति कॉलेज के लिए दान कर दी थी।
कमेटी के सदस्य रवींद्र ठाकुर ने कहा कि राजेंद्र प्रसाद की मेधावी छात्र के रूप में पहचान थी, देश की आजादी के साथ संविधान निर्माता कमेटी के अध्यक्ष के रूप में योगदान दिया। कृष्ण कुमार ठाकुर ने समाज सेवा, देश भक्ति व देशवासियों को मुख्य धारा से जोड़ने में उनके अवदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के प्रधानाध्यापक रामप्रवेश गुप्ता ने किया। इसमें नव दिगंत स्कूल के प्रमुख दिनेश कुमार सिंह भी उपस्थित थे। इस मौके पर डीएवी सरकारी हिन्दी माध्यम स्कूल में निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गयी। जिसमें हंसराज कुमार प्रथम, पुतुल कुमारी द्वितीय तथा संजना कुमारी साह तीसरे स्थान पर आयी। चित्रांकन में संजना कुमारी प्रथम, नेहा कुमारी द्वितीय तथा आंचल कुमारी तीसरे स्थान पर आयी। सभी को इस मौके पर पुरस्कृत किया गया।