बेमौसम बारिश ने बढ़ाई कुम्हारों की चिता
अक्टूबर महीने में लगातार हो रही बारिश से कुम्हारों को दीये व अनार बनाने व सुखाने में भारी परेशानी हुई। दीपावली निकट आने के कारण इन्हें तैयार कर बाजार में भेजने की तैयारी कर ही रहे थे कि अब मौसम विभाग की ओर से बंगाल में निम्न दाब बनने व भारी बारिश व तूफान की चेतावनी जारी कर दिये जाने से उनकी चिता और बढ़ गयी है। उन्हें कच्चे दीये व अनार संभालकर रखना मुश्किल हो रहा है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : अक्टूबर महीने में लगातार हो रही बारिश से कुम्हारों को दीये व अनार बनाने व सुखाने में काफी परेशानी हुई है। दीपावली निकट आने के कारण इन्हें तैयार कर बाजार में भेजने की तैयारी कर ही रहे थे कि अब मौसम विभाग की ओर से बंगाल में निम्न दाब बनने व भारी बारिश व तूफान की चेतावनी जारी कर दिए जाने से उनकी चिता और बढ़ गयी है। उन्हें कच्चे दीये व अनार संभालकर रखना मुश्किल हो रहा है।
राउरकेला के कुम्हारपाड़ा, फटापाइप आदि क्षेत्रों में कुम्हार दीपावली से पहले दीये, अनार, गणेश लक्ष्मी की मूर्ति तथा अन्य सामान तैयार कर इन्हें बाजार में भेजते हैं। साल भर से उन्हें इसका इंतजार रहता है कि दीपावली में सामान बेचकर परिवार का भरण पोषण करेंगे। इस साल अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में लगातार बारिश तथा दूसरे व तीसरे सप्ताह में भी रुक रुक कर बारिश व आसमान में बादल छाये रहने के कारण दीये व अन्य सामान सुखाना मुश्किल हो रहा है। जब तक ये पूरी तरह से नहीं सूख जाते हैं जब तक आवा जलाना भी संभव नहीं होता है। बे-मौसम बारिश से उनकी मुश्किलें बढ़ गयी है। अब बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब का क्षेत्र बनने के कारण 23 अक्टूबर से लगातार भारी बारिश तथा तेज हवा चलने की चेतावनी ओडिशा सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी की गयी है। इससे कुम्हार अपने सामन को सहेजने में जुट गए हैं।
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हर साल दीपावली में 20 से 25 हजार रुपये के अनार एवं दीया की बिक्री हो जाती थी। जिससे साल भर का खर्च निकल जाता था। इस साल शुरु से ही मौसम साथ नहीं दे रहा है जिस कारण बने दीये व अनार संभालना मुश्किल हो रहा है। बारिश होने से इनकी बिक्री भी नहीं होगी जिससे बड़ा नुकसान होगा।
- राजकुमार प्रजापति, कुम्हारपाड़ा।