आदिवासियों की जमीन लौटाने के लिए प्रदर्शन
अवैध तरीके से गैर-आदिवासियों द्वारा आदिवासी की जमीन खरीद व कब्जे में ली गई जमीन को वापस करने की मांग पर आंदोलन।
राउरकेला, जेएनएन। आदिवासियों की सामाजिक, धार्मिक एवं न्यायिक संगठन राजी पड़हा, भारत की ओर से अवैध तरीके से गैर-आदिवासियों द्वारा आदिवासी की जमीन खरीद व कब्जे में ली गई जमीन को वापस करने की मांग पर आंदोलन शुरू किया गया है। बुधवार को बिरसा चौक पर प्रदर्शन कर आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी गई।
राजी पड़हा, भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजी बेल बागी लकड़ा ने बताया कि 4 अक्टूबर 1956 के बाद आदिवासियों की जमीन को गैर आदिवासी न तो खरीद सकते हैं और न उस पर कब्जा कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर देशभर में आदिवासियों की जमीन की खरीद बिक्री एवं लीज पर दी जा रही है।
संविधान की पांचवीं अनुसूची की धारा 244-1 के अनुसार आदिवासी अधिसूचित सुंदरगढ़ जिले में इस व्यवस्था को लागू करने की मांग को लेकर 28 अप्रैल 2018 को जिलाधीश सुरेंद्र कुमार मीणा को ज्ञापन दिया गया था जिसमें आदिवासियों की साबिक खाता नंबर, प्लाट नंबर के साथ जमीन का परिमाण, साबिक खाता से सेटेलमेंट खाता, हाल खाता, चक खाता नंबर के साथ नाम सहित ब्लू ¨प्रट तैयार करने व गैर आदिवासियों के कब्जे वाली जमीन मूल आदिवासियों को वापस करने की मांग की गयी थी पर अब तक इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने बताया कि अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन जिलाधीश के साथ राज्यपाल एवं राष्ट्रपति को भी भेजा जायेगा। इसके बाद भी कोई पहल नहीं होने पर आदिवासी सड़क पर उतरने को विवश होंगे। इसमें अब्राहम कुल्लू, रवि टेटे, बिरुवा ¨मज, किसान कुजूर, केदार मुंडा, सोमे टोप्पो, चमरु बर्ला आदि ने भी अपने विचार रखे।