प्रशासन के पेंच में फंसे पटाखा दुकानदार
आगामी सात नवंबर को रोशनी का त्योहार दीवाली मनाई जाएगी। इस
जागरण संवाददाता, राउरकेला: आगामी सात नवंबर को रोशनी का त्योहार दीवाली मनाई जाएगी। इस मौके पर आतिशबाजी भी खूब होती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे फोड़ने का समय निर्धारित कर दिया है। इसके बावजूद लोगों के उत्साह लाभ उठाने के लिए पटाखा दुकानदार जुटे हुए हैं। लेकिन इस वर्ष शहर में पटाखा बेचने को लेकर प्रशासनिक पेंच में फंस गया है। पटाखा बेचने की अनुमति को लेकर प्रशासन के अलग-अलग विभाग अलग-अलग बात कह रहे हैं। ऐसे में लगता है कि 2017 में पावर हाउस पटाखा दुकान में हुए अग्निकांड के बाद प्रशासन का कोई भी विभाग जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं। फिलहाल राउरकेला अग्निशमन विभाग का कहना है कि अब तक 357 लोगों ने पटाखा दुकान लगाने के लिए आवेदन किया है। जिनको 2008 एक्सप्लोसिव एक्ट व नियमावली पर खरा उतरने के बाद ही अनुमति मिलेगी। दुकान के लिए जगह का चयन तहसीलदार व एडीएम के निरीक्षण से होता है। सबकुछ सही मिलने पर ही अनुमति मिलती है। लेकिन अभी तक न तो आवेदन को स्वीकृति नहीं मिली है और न ही पटाखा दुकान लगाने के लिए किसी जगह की ही पहचान हो सकी है।
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2008 एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत नियमावली का पालन करने वालों को अनुमति मिलेगी। इस संबंध में एडीएम व उपजिलापाल को भी अवगत करा चुके हैं।
- कमल कुमार गौड़, एएफओ, राउरकेला।
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पटाखा दुकान लगाने के लिए स्थान का चयन करने को लेकर कोई अधिकारिक खत नहीं मिला है। इस बारे में मुझे किसी तरह की सूचना भी नहीं है।
विश्वरंजन रथ, तहसीलदार, राउरकेला।
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पटाखों की दुकान कहां लगेगी, इसे लेकर हमें अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है। इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी कोई खत हमें नहीं मिला है।
-विश्वजीत महापात्र, उप-जिलापाल, पानपोष।
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अभी तक किसी भी पटाखा दुकानदार का आवेदन हम तक नहीं पहुंचा है। जिनको जिस अंचल में पटाखा दुकान लगानी हो, वे आवेदन करें। उसी आधार पर उक्त अंचल में जमीन की पहचान कर रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी जाएगी। इसके बाद जो निर्देश होगा। उसके आधार पर अनुमति मिलेगी।
- मोनिषा बनर्जी, एडीएम, राउरकेला।