पवित्र मन हो तो ईश्वर का सानिध्य संभव : पॉल दीनाकरण
ईश्वर के समक्ष समर्पण भाव रखने से कैसे उनका सान्निध्य प्राप्त ह
जागरण संवाददाता, राउरकेला :
ईश्वर के समक्ष समर्पण भाव रखने से कैसे उनका सान्निध्य प्राप्त हो सकता है। इसकी जानकारी देते हुए कहा कि हम सभी प्रभु के दास हैं। उनके गुणगान से संसार के प्रत्येक व्यक्ति के मन में उनकी वाणी पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। प्रत्येक जीव उनकी संतान हैं एवं सभी पर ईश्वर विद्यमान हैं। वे हमेशा विश्व के कल्याण की कामना करते हैं। प्रभु के स्पर्श से लोग रोग मुक्त होते हैं। यह बात राउरकेला हवाई पट्टी मैदान में आयोजित तीन दिवसीय प्रार्थना महोत्सव के दौरान प्रख्यात वक्ता डा. पॉल दीनाकरण ने कही।
कार्यक्रम का उद्घाटन शुक्रवार देर शाम मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वीडियो कांफ्रें¨सग के जरिए की और ईसाई बंधुओं को शुभकामनाएं दी। इससे पूर्व महोत्सव कमेटी के संयोजक प्रो. विजय टोप्पो की अगुवाई में परंपरागत नृत्य संगीत के साथ डा. पॉल एवं उनकी पत्नी इवांगलिन की अगवानी की गई।
समारोह में राज्य सभासदस्य प्रशांत नंद, राउरकेला विकास प्राधिकरण के चेयरमैन शारदा प्रसाद नायक, राजगांगपुर के विधायक मंगला किसान, रघुनाथपाली के विधायक सुब्रत तरई, राउरकेला एडीएम मोनीषा बनर्जी, उपजिलापाल विश्वजीत महापात्र, डॉटर ऑफ क्रसर प्रो¨वस की सिस्टर अनुपमा मौजूद थी। आयोजन में जोसफ टोप्पो, पास्टर अजय ¨मज, ताइकास टोप्पो, विजय आइंद, वीके आइंद, शांति ¨मज, विजय कुमार ¨मज, पास्टर बेनी मोजेश, राकेश तांती, सुनील साय, सेलेस्टिन बेक, दीपक लकड़ा, ओविलसन खलको, सामुएल, सिमन ¨मज, सरोजिनी लकड़ा, राहिल तिग्गा, राजू बड़ाइक, विजय बड़ाइक, मार्कोस केरकेटा समेत कमेटी के अन्य सदस्य अहम भूमिका निभा रहे हैं।