बाईपास रोड जाम, तीन एंबुलेंस समेत फंसे दर्जनों वाहन
शहर में सीवरेज के नाम पर जगह-जगह सड़कों को गडढों में तब्दील कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : शहर में सीवरेज के नाम पर जगह-जगह सड़कों को गडढों में तब्दील कर दिया गया है। इस कारण शहर के लोगों का सड़कों पर चलना दूभर हो गया है। सीवरेज पाइपलाइन बिछाने के लिए पूरे शहर में सड़क के एक किनारे खुदाई कर छोड़ दिए जाने के कारण लोगों को एक साइड से ही आना-जाना करना पड़ता है।
बुधवार को पानपोष की ओर से शहर के अस्पताल की ओर आने के दौरान हनुमान वाटिका से एसटीआइ मार्ग चौक के पास जाम लग गया। इससे करीब आधा घंटे तक दोनों ओर दर्जनों वाहन फंस गए। इसमें तीन एंबुलेंस भी शामिल थीं जो मरीज को लेकर अस्पताल जा रही थीं। बार-बार हार्न बजाने के बावजूद चौक में यातायात पुलिस व होमगार्ड की मशक्कत के बाद भी रास्ता नहीं मिलने से मरीजों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। करीब आधा घंटे बाद चालकों की पहल पर किसी तरह एक-एक कर वाहन बढ़ने के बाद यातायात सामान्य हुआ।
तब जाकर एंबुलेंस मरीजों को लेकर अस्तपाल की ओर रवाना हुई। इस दौरान जाम में फंसे लोग महानगर निगम की कार्यशैली को लेकर बेहद नाराज नजर आए। साथ ही सीवरेज सिस्टम के लिए किए जा रहे कार्य को शीघ्र ही पूरा कर यातायात सुगम बनाने की मांग की। पंजाबी नाटक आइसप्रीत का मंचन : पूर्वांचल सांस्कृतिक केंद्र एवं स्पंदन राउरकेला की ओर से सेक्टर-2 शहनाई मंडप में 31वां अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में पहले दिन पंजाबी भाषा में आइसप्रीत एवं हिंदी नाटक मुझे भी जीना है, का भावपूर्ण मंचन किया गया।
वर्चुवल नाटक प्रतियोगिता में पंजाब के एकेएस संस्थान की ओर से नाटक आइसप्रीत का मंचन किया गया। इसमें कलाकारों ने दर्शकों का दिल जीत लिया। दूसरे दिन नागपुर के भाग्यश्री क्रिएशन के द्वारा मुझे भी जीना है नाटक का मंचन किया गया। तीसरी शाम को राउरकेला रंगमंच के संस्थापक कैलास पाणिग्राही मुख्य अतिथि थे एवं कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम का संचालन स्पंदन के महासचिव प्रो. समर मुदली ने किया। इसमें डा. सत्यप्रिय मिश्र, नरोत्तम सामल, खिरोद वड़ात्या, रमेश गौड़, अहल्या बेहरा, सौम्या लेंका, सस्मिता जेना, स्नेहा साहणी आदि लोग शामिल थे।