अच्छे विचार संसाधन व धन के मोहताज नहीं: बिड़ला
अच्छे विचार किसी संसाधन या धन के मोहताज नहीं होते। यदि अच्छे
जागरण संवाददाता, राउरकेला: अच्छे विचार किसी संसाधन या धन के मोहताज नहीं होते। यदि अच्छे विचार साथ हों तो संसाधन व धन की कमी सफलता की राह में आड़े नहीं आती है। यह बात शनिवार को एनआइटी के 16वें दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथि आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन डा. कुमार मंगलम बिड़ला ने कही।
उन्होंने अपने ओजस्वी भाषण में कहा कि एनआइटी से डिग्री पाने वाले विद्यार्थी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें। आत्मविश्वास इसलिए नहीं कि यह डिग्री एनआइटी राउरकेला जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से मिली है, बल्कि इसलिए कि आप देश में बदलाव लाने वाली ताकत हैं। उन्होंने अपनी कंपनी की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि आप स्वयं को महज एक अभियांत्रिकी स्नातक ही न सोंचे, अपने आप को बदलाव लाने वाली ताकत के रूप में विकसित करें। क्योंकि देश को आपके कुशल व दक्ष नेतृत्व का इंतजार है। उन्होंने जैक वेल्च के कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि वे अपने कर्म, लगन व निष्ठा से अपने भाग्य पर स्वयं नियंत्रण रखें अन्यथा कोई दूसरा इसे अपने नियंत्रण में ले लेगा। उन्होंने सफलता के लिए विद्याथियों को पांच पी का मंत्र भी दिया, परपज, प्लान, पर्सपीरेशन, पैशन व परसिस्टेंस यानि उद्देश्य, योजना, पसीना, जुनून तथा हठ।
उन्होंने वर्तमान समय की गला काट प्रतियोगिता में टिके रहने के लिए सुपर स्पेशिलिस्ट बनने का आह्वान किया। साथ ही यह भी बताया कि केवल समस्या का पता लगाने से ही बात नहीं बनेगी, बल्कि इसका समाधान भी खोजना होगा। अंत में उन्होंने कहा कि वे तनाव ज्यादा न लें बल्कि काम करने के साथ-साथ खुश रहने के छोटे-बड़े पलों की भी तलाश में रहें।