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डीएमएफ का दुरुपयोग, सीजीए जांच को लेकर आंदोलन

जिला खनिज कोष (डीएमएफ) की राशि का 60 प्रतिशत खान प्रभावित क्षेत्र के विकास पर खर्च करने का नियम है पर सुंदरगढ़ जिले में इसका उल्लंघन हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 10:05 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 10:05 PM (IST)
डीएमएफ का दुरुपयोग, सीजीए जांच को लेकर आंदोलन
डीएमएफ का दुरुपयोग, सीजीए जांच को लेकर आंदोलन

जागरण संवाददाता, राउरकेला : जिला खनिज कोष (डीएमएफ) की राशि का 60 प्रतिशत खान प्रभावित क्षेत्र के विकास पर खर्च करने का नियम है पर सुंदरगढ़ जिले में इसका उल्लंघन हो रहा है। प्रभावित क्षेत्र के लोग सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा जैसी मौलिक सुविधा से वंचित हैं। खदान क्षेत्र के लोगों को काम नहीं मिलने के कारण वे बाहर काम के लिए जाने को विवश हैं। वहीं, बाहरी लोगों को यहां लाकर काम कराया जा रहा है। हेमगिर के कंदाधूड़ा व बिलेइमुंडा गांव के युवाओं ने डीएमएफ राशि का दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सांसद जुएल ओराम व विधायक कुसुम टेटे से इसकी सीजीए जांच कराने की मांग की है। जिले में डीएमएफ का सही उपयोग नहीं होने के कारण खनन क्षेत्रों कुपोषण, शिशु व मां की मृत्यु, लोगों के बाहर बंधुआ मजदूर का काम करने के लिए जाने, मानव तस्करी की घटनाएं बढ़ रही है। खदानों से प्रदूषण के चलते कृषि जमीन बर्बाद हो रही है। आदिवासियों की आय के स्रोत वन एवं वन उपज के साथ वन्य जीव जंतुओं पर भी संकट उत्पन्न हो गया है। जिला खनिज कोष की राशि डीएमएफ सदस्य मनमाने ढंग से खर्च कर रहे हैं। आदिवासी बहुल गांव के युवाओं ने सुंदरगढ़ सांसद तथा विधायक से इसकी सीजीए से ऑडिट कराने की मांग की है। इसके लिए युवाओं की ओर से पोस्टकार्ड लिखने का अभियान भी गांवों में चलाया जा रहा है। खान प्रभावित गांव विलाईमुंडा से इसकी शुरुआत की गई है। इसमें श्रद्धांजलि के साथ विशाखा शा, भवानी माझी, कल्याणी नायक, रवीना प्रधान, उमा माझी, नरेश मेहेर, पंकजिनी बिस्वाल, वृंदावती पारिकर, दीपा प्रधान, सेवती नायक, मोहन नायक, अंबिका बरीहा के साथ अन्य लोग शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमएफ की राशि खर्च हो रही है पर खान प्रभावित क्षेत्र के लोग मौलिक सुविधा से वंचित हैं। ग्रामीण अस्पतालों में एंबुलेंस, चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों का अभाव है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई कई दिनों तक बिजली गुल रहती है जिससे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है। स्कूलों में शिक्षकों का अभाव है। खदानों में बेरोजगारों को नियुक्ति नहीं मिल रही है। इस ओर सांसद, विधायक का ध्यान आकृष्ट किया गया है। हेमगिर जिला परिषद सदस्य पूर्वी नायक ने भी पश्चिम ओडिशा विकास परिषद के अध्यक्ष असीत त्रिपाठी का इस ओर ध्यान आकृष्ट किया है।

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