Move to Jagran APP

आरपीडीएसी में होगा विस्थापितों को नौकरी का फैसला

राउरकेला इस्पात संयंत्र और मंदिरा डैम के निर्माण से विस्थापि

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Mar 2019 11:04 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 11:04 PM (IST)
आरपीडीएसी में होगा विस्थापितों को नौकरी का फैसला
आरपीडीएसी में होगा विस्थापितों को नौकरी का फैसला

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र और मंदिरा डैम के निर्माण से विस्थापित परिवार के सदस्य वर्षो से नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एडीएम येदुला विजय, आरएसपी प्रबंधन व विस्थापितों के प्रतिनिधियों की बैठक में एडीएम ने पुनर्वास एवं पाश्वांचल विकास सलाहकार कमेटी (आरपीडीएसी) द्वारा ही इस मामले में फैसला होने की बात कही।

loksabha election banner

विस्थापित परिवार के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को एडीएम कार्यालय के समक्ष धरना भी दिया। विस्थापित परिवार को नौकरी देने को लेकर 8 फरवरी 2013 को आरपीडीएसी की बैठक हुई थी। इसमें 3792 परिवार के सदस्यों को नौकरी देने का निर्देश आरएसपी प्रबंधन व प्रशासन को दिया गया था। इसके बाद आवेदन लिए गए एवं सरजमी जांच कर अंतिम सूची भी जारी की गई पर अब तक नौकरी नहीं मिल पाई है। बार-बार इसे टालने से विस्थापित परिवार के लोग क्षुब्ध हैं। विस्थापितों की इस समस्या को लेकर शुक्रवार को एडीएम येदुला विजय ने आरएसपी प्रतिनिधि व विस्थापित संघ के नेताओं की बैठक बुलाई। एडीएम येदुला विजय ने फैसला पुराना होने के कारण फिर से आरपीडीएसी की बैठक करने की बात कही। बैठक कब और कहां होगी इस संबंध में 16 मार्च को बैठक कर इसकी जानकारी दी जाएगी। नियुक्ति संबंधित फैसला लेने के बावजूद इस पर अमल नहीं होने पर विस्थापितों में रोष है। अब इसके बाद से विस्थापित परिवार के सदस्यों को आरपीडीएसी मिटिग का इंतजार है। बैठक में विस्थापित संघ के अध्यक्ष खाड़ा कुजूर, उपाध्यक्ष सुखराम कुंभार, सचिव पूरण खालको, बसंत किसान, तिल्ला लकड़ा, शोभा तांती, अलीसिबा तिग्गा व अन्य शामिल थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.