त्रिवेणी संगम पर ऐतिहासिक महाशिवरात्रि मेला कल से
वेदव्यास त्रिवेणी संगम पर स्थित बालुंकेश्वर महादेव तथा चंद्रशेखर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक के लिए 50 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : वेदव्यास त्रिवेणी संगम पर स्थित बालुंकेश्वर महादेव तथा चंद्रशेखर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक के लिए 50 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचेंगे। इसके लिए व्यवस्था के साथ करीब सवा सौ साल से लग रहे ऐतिहासिक वेदव्यास मेले को लेकर मंदिर ट्रस्ट एवं प्रशासन की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। महाशिवरात्रि से पहली मार्च तक 11 दिनों तक मेला लगेगा।
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को जलाभिषेक के लिए ओडिशा समेत झारखंड व छत्तीसगढ़ से भी श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। त्रिवेणी संगम पर स्नान तथा मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए ट्रस्ट एवं पुलिस प्रशासन हर व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटा है। मंदिर को सजाने-संवारने के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरिकेड के साथ स्नान के दौरान किसी तरह की अनहोनी से निपटने अग्निशमन व ओड्राफ की टीम के साथ पुलिस अधिकारी असीम पंडा की अगुवाई में जवानों को तैनात किया जाएगा। रात को मनोकामना दीप प्रज्वलन में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस वर्ष जिलापाल निखिल पवन कल्याण के द्वारा महादीप उठाया जाएगा। मेला मैदान व मंदिर में प्रकाश के लिए वेस्को, सफाई के लिए नगर निगम तथा पानी के लिए पीएचईडी विभाग तैयारियों में जुटा है। श्रद्धालुओं को मेला तक पहुंचाने बस के लिए परिवहन विभाग ने निर्देश जारी कर दिया है। एनएच पर भारी वाहनों की आवाजाही पर भी पाबंदी होगी। इस वर्ष मेले में तीन कंपनियों द्वारा करीब 20 झूले लगाये जा रहे हैं। छोटी बड़ी करीब पांच सौ दुकानें सजेंगी।
धनुयात्रा का भी आयोजन : वेदव्यास गुरुकुल संस्कृत महाविद्यालय में भारतीय संस्कृति सुरक्षा समिति की बैठक प्रकाश नारायण प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। इसमें महाशिवरात्रि पर सात दिवसीय आध्यात्मिक मेला लगाने के साथ संगम पर धनुयात्रा के आयोजन पर चर्चा की गयी। इस वर्ष 21 व 22 फरवरी को वेदव्यास त्रिवेणी संगम पर स्नान, घृत यज्ञ, रुद्राभिषेक, भजन कीर्तन, दीप यज्ञ, मानस पाठ का आयोजन होगा। सात दिनों तक हर दिन सांस्कृति कार्यक्रम के साथ मेले मुक्त मंच पर धनुयात्रा आयोजित की जाएगी। इसके लिए कमेटी का गठन किाय गया है। बैठक में विभूति पलइ, डा. परमेश्वर सतपथी, डा. उमाकांत पंडा, विनोद त्रिपाठी, वटकृष्ण स्वाईं, सुमन पालित, दैतारी साहू, ब्रह्मानंद मिश्र आदि लोग मौजूद थे।