पश्चिम ओडिशा में लहराया भाजपा का परचम
देश में मोदी लहर के बावजूद राज्य में नवीन पटनायक ने अपनी साख को बरकरार रखते हुए ज्यादातर संसदीय सीटों पर अपना वर्चस्व कायम रखा।
राउरकेला, जेएनएन। देश में मोदी लहर के बावजूद राज्य में नवीन पटनायक ने अपनी साख को बरकरार रखते हुए ज्यादातर संसदीय सीटों पर अपना वर्चस्व कायम रखा। लेकिन पश्चिम ओडिशा में बीजद के किले को भाजपा ढहाने में कामयाब हो गई। पिछले आम चुनावों में पश्चिम ओडिशा की एकमात्र सीट सुंदरगढ़ से भाजपा को जीत मिली थी। इसमें इजाफा करते हुए भाजपा ने सुंदरगढ़ सहित बरगढ़, बलांगीर व संबलपुर सीट पर अपनी जीत की संभावना को प्रबल बना लिया है।
सुंदरगढ़ में जहां जुएल ओराम अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के जार्ज तिर्की से 1.80 लाख वोटों से आगे चल रहे हैं। वहीं बरगढ़ संसदीय सीट में भाजपा के सुरेश पुजारी अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजद के प्रसन्न आचार्य से करीब 43 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। सुरेश पुजारी की बढ़त इस मायने में भी अहम है कि यहां के बीजेपुर विधानसभा सीट से खुद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक चुनाव लड़ रहे थे। इसी तरह संबलपुर संसदीय सीट से भाजपा के नीतेश गंगदेव अपने निकटतम प्रतिद्वंदी नलिनीकांत प्रधान करीब 38 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं।
वहीं बलांगीर संसदीय सीट से भाजपा की संगीता सिंहदेव निकटतम प्रतिद्वंदी अपने देवर सह बीजद के कलिकेश नारायण ¨सहदेव से लगभग 18 हजार वोटों से आगे चल रही हैं। 2014 की तुलना में भाजपा ने 2019 के चुनाव में अपने जीत के आंकड़ों में काफी सुधार किया है लेकिन वह सबसे बड़े दल के रूप में नहीं उभर पायी। विधानसभा में सुंदरगढ में अच्छा प्रदर्शन पश्चिम ओडिशा के सुंदरगढ़ में विधानसभा सीटों पर भी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा।
सुंदरगढ़ जिले के सात संसदीय सीटों में से 2014 में केवल एक सीट राउरकेला पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी। लेकिन इस बार सुंदरगढ़ जिले के बीरमित्रपुर, राजगांगपुर, सुंदरगढ़ व तलसरा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं झारसुगुड़ा की बात करें तो यहां भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। ब्रजराजनगर सीट भी भाजपा बचा नहीं पायी।
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