59.22 लाख की हेराफेरी में फंसे लैंपस, बैंक व पंचायत के अधिकारी
सरकारी कोष से 58.22 लाख की हेराफेरी करने में तीन बैंक अधिकारी लैंपस एमडी पंचायत के कार्यपालक अधिकारी के खिलाफ विजिलेंस विभाग में मामला दर्ज किया गया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सरकारी कोष से 58.22 लाख की हेराफेरी करने में तीन बैंक अधिकारी, लैंपस एमडी, पंचायत के कार्यपालक अधिकारी के खिलाफ विजिलेंस विभाग में मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी के डर से अधिकारी फरार हो गए हैं।
बड़गांव ब्लाक के सहाजबहाल लैंपस के पूर्व एमडी चूड़ामणि नायक पर 34.74 लाख रुपये, सुंदरगढ़ केंद्रीय सहकारिता बैंक के बणई शाखा के पूर्व शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार देवता, पूर्व सहायक प्रबंधक राजीव बारिक, पूर्व एकाउंटेंट जयकिशोर साहू पर 15.53 लाख रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है। वहीं, कुआरमुंडा ब्लाक के खुखुंडबहाल पंचायत के पूर्व कार्यपालक अधिकारी पर नलकूप प्लेटफार्म निर्माण में 8.94 लाख की हेराफेरी का मामला दर्ज किया गया है।
बड़गांव लैंपस के पूर्व एमडी चूड़ामणि नायक 21 अक्टूबर 2013 से 8 मई 2016 तक पद पर थे। इस दौरान फर्जी नाम पर कृषि ऋण देकर 34,74,929 रुपये की हेराफेरी की। 2015-16 वित्त वर्ष में यह हेराफेरी होने का पता चला है। विजिलेंस विभाग के एसपी सुभाष चंद्र स्वाईं के निर्देश पर डीएसवी वीरेन्द्र नायक, इंस्पेक्टर सुधीर कुमार साहू मामले की जांच कर रहे हैं। जांच में उक्त राशि का हिसाब नहीं मिला है। इस कारण पूर्व एमडी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
सुंदरगढ़ जिला सहकारिता बैंक के बणई शाखा के पूर्व शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार देवता, पूर्व सहायक प्रबंधक राजीव बारिक तथा पूर्व एकाउंटेंट जय किशोर साहू पर 15,53,097 रुपये की हेराफेरी का आरोप है। बणई क्षेत्र के 73 लोगों ने बैंक में खाता खोला था। तीनों अधिकारियों ने मिलकर उनके खाते से राशि हड़प ली। उनके पास चेकबुक व एटीएम नहीं था जिस कारण राशि की निकासी का पता नहीं चल रहा था। जांच में तीनों अधिकारियों के द्वारा फर्जी तरीके से राशि की निकासी का पता चला है। सहायक प्रबंधक राजीव बारिक के दो एकाउंट में राशि ट्रांसफर हुई है। इसी तरह कुआरमुंडा ब्लाक के खुखुड़मुंडा पंचायत में नलकूप का चबूतरा निर्माण, सड़क की मरम्मत व नई सड़क बनाने के नाम पर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी के द्वारा वर्ष 2018-19 में 8.94 लाख की हेराफेरी की गई है। दो नई सड़क निर्माण के लिए 3.80 लाख का बिल बनाया गया जबकि इसका काम हुआ ही नहीं था। पुरानी सड़क की मरम्मत के लिए भी दो लाख का बिल बनाया गया जबकि यह काम नहीं किया गया था। इसी तरह नलकूप के प्लेटफार्म बनाने के नाम पर 1.14 लाख रुपये की हेराफेरी पकड़ी गई है। सरकारी राशि को अपने खाते में लाने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए गए हैं। विजिलेंस विभाग की ओर से पंचायत के कार्यपालक अधिकारी श्रीकांत कराली के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांच में इसका पता चलने पर जिलापाल के द्वारा उन्हें निलंबित किया गया था एवं वर्तमान में पानपोष उपजिलापाल कार्यालय में तबादला किया गया है।