गुरु गोविद सिंह की जयंती पर सजा कीर्तन दरबार
सिखों के दसवें गुरु गोविद सिंह के 353वीं जयंती पर इस्पात गुरुद्वारा में रविवार को कथा कीर्तन व लंगर का आयोजन किया गया। इसमें शहर के विभिन्न गुरुद्वारों से जुड़े लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। गुरु की कथा सुनने के साथ गुरुग्रंथ साहब के समक्ष मत्था टेका एवं लंगर चखा। सुबह से दोपहर तक यहां आने वालों का तांता लगा रहा।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सिखों के दसवें गुरु गोविद सिंह के 353वीं जयंती पर इस्पात गुरुद्वारा में रविवार को कीर्तन दरबार और लंगर का आयोजन किया गया। इसमें शहर के विभिन्न गुरुद्वारों से जुड़े लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। गुरु की कथा सुनने के साथ गुरुग्रंथ साहब के समक्ष मत्था टेका एवं लंगर चखा। सुबह से दोपहर तक यहां आने वालों का तांता लगा रहा।
इस्पात गुरुद्वारा की ओर से गुरु गोविद सिंह की जयंती पर 48 घंटे का अखंड पाठ का आयोजन किया गया था जिसका सुबह समापन हुआ। इसके पश्चात मैदान में दीवान सजाया गया तथा कथा कीर्तन आरंभ हुआ। कथा के लिए गुरुदासपुर से हरज्योत सिंह पधारे थे। उन्होंने गुरु गोविद सिंह के जीवन आदर्श पर कथा सुनाई। धर्म प्रचारक लुधियाना से अजीत सिंह अपने जत्था के साथ इसमें शामिल हुए। इस्पात गुरुद्वारा के मंजीत सिंह के द्वारा भी कीर्तन किया गया। इस कार्यक्रम में सेक्टर-16 इस्पात गुरुद्वारा, गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा राउरकेला, पावर हाउस रोड गुरुद्वारा, सिविल टाउनशिप गुरुद्वारा, वेदव्यास गुरुद्वारा आदि से जुड़े सिख समाज के लोग शामिल हुए। इसके आयोजन में गुरुद्वारा के प्रधान सुलखन सिंह, सचिव हरवंश सिंह, उपाध्यक्ष तेजिदर सिंह उप्पल, बलविदर सिंह, इकबाल सिंह, हरपाल सिंह, कृपाल सिंह समेत अन्य लोग अहम भूमिका रही।
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कांसबहाल में गोविद सिंह जयंती मनाई गई
जासं, राउरकेला : सिख धर्म के दसवें गुरु व खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंहजी की जयंती कांसबहाल गुरुद्वारा में रविवार को भक्तिपूर्ण माहौल में मनाई गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगत उपस्थित थे। गुरुद्वारा में शबद कीर्तन का आयोजन हुआ। इससे पूर्व दो जनवरी सुबह प्रभात फेरी का आयोजन किया गया था। सुबह गुरुद्वारा से निकला नगर कीर्तन साउथ कॉलोनी का भ्रमण करने के उपरांत वापस गुरुद्वारा पंहुचा। रविवार को शबद कीर्तन के बाद लंगर का आयोजन हुआ। इसमें बड़ी संख्या में संगत ने लंगर छका।