तीन दशक बाद नाट्य संस्था कस्तूरी फिर सक्रिय
सन् 80 के दशक में कला संस्कृति व नाट्य मंचन के प्रतिबद्ध संस्था कस्तूरी को तीन दशक बाद नया रूप देने की कवायद शुरू कर दी गयी है। पहले की भांति सामाजिक गतिविधियों के साथ विभिन्न मुद्दों पर जनता को जागरूक करने के साथ नाटकों का मंचन भी किया जाएगा। इसी कड़ी में रविवार की शाम सिविक सेंटर में नाटकों का मंचन भी शुरू हो चुका है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सन् 80 के दशक में कला, संस्कृति व नाट्य मंचन के प्रतिबद्ध संस्था कस्तूरी को तीन दशक बाद नया रूप देने की कवायद शुरू कर दी गयी है। पहले की भांति सामाजिक गतिविधियों के साथ विभिन्न मुद्दों पर जनता को जागरूक करने के साथ नाटकों का मंचन भी किया जाएगा। इसी कड़ी में रविवार की शाम सिविक सेंटर में नाटकों का मंचन भी शुरू हो चुका है। जो तीन दिनों तक चलेगा। इस बाबत रविवार की सुबह हुई प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी दी गयी।
इसमें बताया गया कि अब संस्था की ओर से नाटकों के माध्यम से लोगों को स्वच्छ भारत अभियान, पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, नशा उन्मूलन, जंगल सुरक्षा, पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का काम किया जायेगा। वहीं दिव्यांग प्रतिभा को नाटकों में शामिल कर उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। जबकि रविवार, सोमवार व मंगलवार को सिविक सेंटर में तीन नाटकों का मंचन भी होगा। इस संस्था को नया रूप देने की मुहिम के तहत कार्यकारी कमेटी का गठन भी कर लिया गया है। इस कमेटी में अतनु भौमिक को संरक्षक, रंजीत पटनायक, प्रदीप्त महापात्र, डा. पीतपास मिश्र, बुद्धदेव सरकार व मनोज कुमार षड़ंगी को सलाहकार, जीतेंद्र महंती को अध्यक्ष, इंदिरा मिश्र, सुखरंजन बोस को उपाध्यक्ष, राधाश्याम महंती को महासचिव बनाया गया है। वहीं अन्य पदों पर भी पदाधिकारियों को मनोनीत किया गया है। प्रेसवार्ता में अध्यक्ष जीतेंद्र महंती समेत प्रताप स्वांई, राधाश्याम महंती, युवराज वेद, अशोक कुमार बल समेत अन्य उपस्थित थे।