बेटे को कांग्रेस का टिकट दिलाने में जार्ज कामयाब
अादिवासी नेता व बीरमित्रपुर के विधायक जार्ज तिर्की अपने गढ़ से बेटे रोहित जोसफ तिर्की को कांग्रेस का टिकट दिलाने में कामयाब रहे।
राउरकेला, जेएनएन। कद्दावर आदिवासी नेता व बीरमित्रपुर के विधायक जार्ज तिर्की अपने गढ़ से बेटे रोहित जोसफ तिर्की को कांग्रेस का टिकट दिलाने में कामयाब रहे। चार बार बीरमित्रपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके जार्ज के चुनाव क्षेत्र में रोहित पहली बार भाग्य आजमाएंगे। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके 29 वर्षीय रोहित इससे पहले कभी सक्रिय राजनीति में नहीं रहे।
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा से राजनीतिक की शुरुआत कर पहचान बनाने वाले जार्ज को भी बेटे के लिए वोट जुटाना आसान नहीं होगा। जार्ज ने झामुमो के टिकट पर पहली बार 1995 में वीरमित्रपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। वर्ष 2000 में भी विधानसभा चुनाव झामुमो के टिकट पर ही जीता पर 2004 में टिकट नहीं मिलने के कारण बीरमित्रपुर विधानसभा और सुंदरगढ़ लोकसभा सीट से एक साथ चुनाव लड़े और दोनों में हार का सामना करना पड़ा। 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बीरमित्रपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर वे विधानसभा पहुंचे।
2014 में समता क्रांति दल के टिकट पर चुनाव लड़कर चौथी बार विधायक बने। अब वे समर्थकों के साथ कांग्रेस में हैं एवं अपना टिकट सुंदरगढ़ लोकसभा सीट के लिए पक्की कराने के बाद बेटे के लिए भी अपने गढ़ से टिकट दिलाने में कामयाब रहे। हालांकि इस क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर नुआगांव के सुलेमान काउड़िया, कुआरमुंडा की पूर्व चेयरमैन सुषमा नायक, बिसरा के पूर्व चेयरमैन सुशील कडो, वीरमित्रपुर के पूर्व पार्षद पटेल वार्ला भी दौड़ में थे।
टिकट की दौड़ में शामिल अधिकतर लोग जार्ज खेमे से होने के कारण विरोध की सुगबुगाहट के आसार कम लग रहे हैं। पूर्व पार्षद जगदीश अग्रवाल, पूर्व नगरपाल शशि सागर, साजिद अहमद, नुआगांव के पूर्व चेयरमैन सुशीला टोप्नो, अंकुरपाली लैंपस के चेयरमैन सुशील टोप्नो, श्रमिक नेता अरखित विभार, कार्तिक मसांत, बुधराम टोप्नो, पूर्व पार्षद संतोष साहू, बिरजू कैथा, मंगल सिंह, शरद आइंद आदि प्रभावशाली कार्यकर्ताओं ने रोहित को उम्मीदवार बनाए जाने पर हर्ष जताते हुए बुधवार को रैली कर बीरमित्रपुर में स्वागत करने का निर्णय लिया है।