फीता काट कर भूल गए माननीय, कक्ष में झूल रहा ताला
माताएं नवजात बच्चों (स्तनपान करने वाले) को लेकर दुकान-बाजार समेत रोजगार के लिए घर से बाहर निकलती हैं।
राजेश साहू, राउरकेला
माताएं नवजात बच्चों (स्तनपान करने वाले) को लेकर दुकान-बाजार समेत रोजगार के लिए घर से बाहर निकलती हैं। इस दौरान बच्चे को भूख लगने पर उन्हें उसे स्तनपान कराने के लिए एकांत की जरूरत पड़ती है। ऐसे में उन्हें कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है। माताओं की इसी परेशानी को दूर करने तथा उनके सम्मान के लिए राउरकेला स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से शिशु स्तनपान कक्ष (बॉक्स) शहर के बासंती कालोनी स्थित जगन्नाथ मंदिर के पास लगाया गया है। इसका विगत एक अक्टूबर को मुख्य अतिथि विधायक शारदा नायक द्वारा उद्धाटन किया गया था। इस दौरान राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) के आयुक्त एवं राउरकेला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्य निर्वाही अधिकारी दिव्यज्योति परीड़ा समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
लेकिन तब से लेकर अबतक दो माह बीतने के बावजूद उक्त स्तनपान कक्ष में ताला ही झूल रहा है। इस कारण बाजार आने वाले दर्जनों नवजात और स्तनपान करने वाली माताओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नही इस स्तनपान कक्ष में अभी तक बिजली तक की व्यवस्था नहीं की गई है। कालोनी वासियों ने इस कक्ष को कार्यक्षम करने की मांग की है। इसी तरह का स्तनपान कक्ष बासंती कालोनी के अलावा आरएमसी कार्यालय में भी लगाया गया है।
रुपये की बर्बादी : इससे साफ होता है कि किस तरह से यहां के विभागीय अधिकारी लोगों को सुविधा देने के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर सामग्री तो खरीद लेते है। लेकिन उसका लाभ जिन लोगों को मिलना चाहिए उनकों नही मिल पाता है, जोकि सरकारी राशि की बर्बादी कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगा।
जागरूकता का अभाव : लोगों को बगैर जागरूक किए ही इस स्तनपान कक्ष का उद्घाटन कर दिया गया। इस कारण इसका लाभ माताओं व नवजात हो नहीं मिल पा रहा है। स्तनपान कक्ष में ताला झूलने का एक कारण स्थानीय लोग यह भी बता रहे हैं। उनका कहना है कि विभाग द्वारा माताओं के लिए इस तरह का कक्ष लगाना महज वाहवाही लूटने और सुर्खियां बटोरना भर है। लोगों को सुविधा देने की बात होती तो अबतक बिजली की व्यवस्था हो गई होती।