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बारिश के कारण बाजार से लोकल सब्जी गायब

राउरकेला बाजार में स्थानीय किसानों द्वारा उगायी गयी सब्जी लगभग गायब हो चुकी हैं। जो व्यापारी खेतों से सब्जी लाकार बाजार में बेचते थे उनके पास सब्जी नहीं हैं। ऐसे में वे मंडी से सब्जी लेकर बाजार में लोकल सब्जी बताकर उन्हें बेच रहे हैं। आम ग्राहक जिन्हें सब्जी की पहचान नहीं है वे ऊंचे दाम देकर लोकल की जगह बाहरी सब्जी खरीद रहे हैं। इससे जहां कारोबारी मालामाल हैं वहीं ग्राहकों के पाकेट को चूना लग रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 11:02 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:17 AM (IST)
बारिश के कारण बाजार से लोकल सब्जी गायब
बारिश के कारण बाजार से लोकल सब्जी गायब

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला बाजार में स्थानीय किसानों द्वारा उगायी गयी सब्जी लगभग गायब हो चुकी हैं। जो व्यापारी खेतों से सब्जी लाकर बाजार में बेचते थे उनके पास भी सब्जी नहीं हैं। ऐसे में वे मंडी से सब्जी लेकर बाजार में लोकल बताकर बेच रहे हैं। आम ग्राहक जिन्हें सब्जी की पहचान नहीं है वे ऊंचे दाम पर लोकल की जगह बाहरी सब्जी खरीद रहे हैं। इससे जहां कारोबारी मालामाल हैं वहीं ग्राहकों के पाकेट को चूना लग रहा है।

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राउरकेला शहर में बामड़ा, बीरमित्रपुर, बिसरा, नुआगांव, लाठीकटा, बीरकेरा आदि क्षेत्रों से हरी सब्जियां आती हैं। लोकल सब्जी ताजी होने के साथ साथ खाने में भी स्वादिस्ट होती हैं। लगातार बारिश के कारण स्थानीय किसान अपने खेतों में सब्जी नहीं उगा सके। इससे उत्पादन नहीं के बराबर रह गया। मौसम ठीक होने के बाद पौधे लगाए गए हैं पर नयी खेप आने में अभी एक दो महीने का समय लग सकता है। ऐसे में बाजार में अधिकांश सब्जी का भाव 40 रुपये किलो से ऊपर चला गया है।

राउरकेला मंडी में पश्चिम बंगाल, झारखंड व आंध्रप्रदेश आदि राज्यों से सब्जी आ रही है। डेली मार्केट, ट्रैफिक मार्केट, आमबगान मार्केट, एसटीआइ मार्केट, पानपोष मार्केट, रेलवे कॉलोनी, बसंती कॉलोनी, व झीरपानी मार्केट में बड़ी संख्या में सब्जी कारोबारी सब्जी बेच कर आजीविका चलाते हैं। उन्हें अब लोकल सब्जी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही है। ऐसे में वे डेली मार्केट मंडी से सब्जी लेकर बाजार में बेचने को विवश हैं।

अपना रहे नया तरीका

सब्जी कारोबारी आपना माल बेचने के लिए नया तरकीब अपना रहे हैं। खास कर महिला कारोबारी टोकरी में सब्जी रखकर 'मूं दूसी, मो माल देसी' यानी मैं देसी मेरी सब्जी देसी बोल कर ऊंचे दाम में सब्जी बेच रही हैं। सब्जी को हरा व ताजा दिखाने के लिए भी कई तरह की तरकीब अपनाया जा रहा है।


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