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निदेशक के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे आइआइपीएम के सात छात्र

इंडियन इंस्टीच्यूट फॉर प्रोडक्शन मैनेजमेंट(आइआइपीएम) के निदेशक निरंजन नायक को पद से हटाने की मांग को लेकर चल रहा छात्रों का आंदोलन बुधवार को और तेज हो गया। छात्रों ने भूख हउ़ताल शुरू कर दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 11:40 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 11:40 PM (IST)
निदेशक के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे आइआइपीएम के सात छात्र
निदेशक के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे आइआइपीएम के सात छात्र

जागरण संवाददाता, राउरकेला: इंडियन इंस्टीच्यूट फॉर प्रोडक्शन मैनेजमेंट(आइआइपीएम) के निदेशक निरंजन नायक को पद से हटाने की मांग को लेकर चल रहा छात्रों का आंदोलन बुधवार को और तेज हो गया। अपनी मांगों के समर्थन में संस्थान के सात छात्र-छात्राओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। छात्रों को अभिभावकों का समर्थन प्राप्त है। छात्रों ने चेतावनी दी कि मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। छात्रों के आंदोलन की सूचना पाकर केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम भी आइआइपीएम पहुंचे। उन्होंने छात्रों से बात कर मामले में आवश्यक कदम उठाने का भरोसा दिया। छात्रों ने प्रशासन पर बात नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक निदेशक पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। उलटे निदेशक गलत आरोप लगाने में जुटे हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य राजकुमार यादव ने छात्रों से मुलाकात की।

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गौरतलब है कि मंगलवार देर शाम सुंदरगढ़ के एडीएम छात्रों से बात करने पहुंचे थे और उनकी समस्याएं सुनने के बाद तीन दिन का वक्त मांगा था। छात्रों ने कैंपस के गेट के पास धरना जारी रखने की शर्त पर एनएच से अवरोध हटा दिया था। लेकिन बुधवार को प्रशासन की ओर से मामले को सुलझाने के लिए कोई पहल नहीं होने पर छात्र भड़क गए और तीन बजे भूख हड़ताल की घोषणा कर दी।

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छात्रों ने निदेशक पर लगाया नया गंभीर आरोप

आंदोलनरत छात्रों ने संस्थान के निदेशक पर नया गंभीर आरोप लगाया कि वे आदिवासी छात्रों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं। विरोध करने पर धमकाते हैं। अपने राजनीतिक साथियों को संस्थान में प्रवेश कराकर उनके साथ मिलकर विद्यार्थियों पर मनमानी की जाती है। अगर विरोध हुआ तो बेहद भद्दे तरीके से उनके साथ व्यवहार किया जाता है। जो सीधा-सीधा अपराध है लिहाजा उनकी गिरफ्तारी की जाए।

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निदेशक की गतिविधियों का लेखा-जोखा सौंपा

प्रशासन व पुलिस के पास छात्रों ने निदेशक के उन गतिविधियों का लेखा-जोखा रखा है जिनपर छात्रों को आपत्ति है। इनमें छात्राओं ने भी मुखर होकर अपनी बातों को रखा। सर्वाधिक आपत्ति निदेशक के व्यवहार पर जताई। बताया कि निदेशक के खिलाफ थाने में मामला दर्ज है। लिहाजा उन्हें पद से हटाया जाए। निदेशक को संस्थान से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। लेकिन 13 अगस्त को वे फिर से संस्थान में वापसी कर लिए। किन परिस्थितियों में यह हुआ इसकी जांच हो। निदेशक छात्रों को धमकाने के लिए अपने गुंडों को छात्रों के घर तक भेज देते है।

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निदेशक ने की कुछ छात्रों के खिलाफ की पुलिस में शिकायत

इधर निदेशक ने कुछ छात्रों पर संस्थान की गतिविधियों व एग्जाम को प्रभावित करने के लिए समस्या उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है। जिसकी जांच शुरू हो चुकी है। निदेशक ने कहा है कि एग्जाम को खास कर प्रभावित किया जा रहा है।

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एग्जाम के बाद आंदोलन कर रहे छात्र छात्राएं

छात्रों ने मंगलवार व बुधवार दोनों दिन अपने आंदोलन को एग्जाम के बाद शुरू किया। सुबह 8 से 11 बजे तक एग्जाम चलने के कारण इस दौरान छात्र चुपचाप एग्जाम दिया। मंगलवार को भी 11 बजे के बाद छात्रों ने आंदोलन किया था। जबकि बुधवार को सुबह 11 बजे एग्जाम समाप्त होने के बाद गेट के पास छात्रों ने प्रदर्शन शुरु किया। फिर उनकी बात नहीं सुने जाने पर भूख हड़ताल शुरू कर दिया।


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