हॉकी हॉल ऑफ फेंम म्यूजियम बना सपना
राउरकेला स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सातवीं बोर्ड बैठक 5 जून
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सातवीं बोर्ड बैठक 5 जून 2018 को महानगर निगम के सम्मेलन कक्ष हुई थी। जिसमें स्मार्ट सिटी में लागू विभिन्न विकास परियोजनाओं समेत इनके सफल क्रियान्वयन को लेकर रूपरेखा पर विचार विमर्श किया गया था। इन विकास परियोजनाओं में बिरसा मुंडा स्टेडियम में विश्वस्तरीय हॉकी हॉल ऑफ फेम म्यूजियम बनाने की परियोजना शामिल थी। शहर की शान के लिए इसे 2020 तक पूरा करना था पर अब तक इस दिशा में कोई कोई काम नहीं हुआ है।
बोर्ड की बैठक में राज्य के विकास आयुक्त सह राउरकेला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के चेयरमैन आर बालकृष्णन, आम प्रशासन के विशेष सचिव अशोक मीणा, गृह व नगर विकास विभाग के सचिव जी माथीभाथनन, राउरकेला स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी व वर्तमान डीएम रश्मिता पंडा, पूर्व डीएम सुरेंद्र कुमार मीणा, राउरकेला स्टील प्लांट के पूर्व सीईओ अश्विनी कुमार, राउरकेला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के विशेष निदेशक भगवान पति, विजय टोप्पो, एके टिबरेवाल, कल्याणी मिश्र,राउरकेला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी नवीन पटेल, वित्त अधिकारी यूपीसी पात्र, कंपनी सचिव दामोदर मिश्र शामिल थे। इसमें स्मार्ट सिटी चेयरमैन आर बालकृष्णन ने बिरसा मुंडा स्टेडियम में बनने वाले को विश्व स्तरीय हॉकी हॉल ऑफ फेम म्यूजियम बनाने पर जोर दिया था।
इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा स्थानीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी तथा हॉकी से जुड़ी समकालीन हॉकी के इतिहास को भी स्थान देने का परामर्श दिया गया था। गृह व नगर विकास विभाग के सचिव जी माथीभाथनन ने इसके लिए लघु मियादी व दीर्घ मियादी योजना बनाने तथा इसे सफलता के साथ कार्यकारी करने का परामर्श दिया था एवं आम प्रशासन विभाग के विशेष सचिव अशोक मीणा ने परियोजना के कार्यान्वयन में सुरक्षा व गुणवत्ता का ध्यान रखने तथा इसके लिए राउरकेला स्टील प्लांट तथा राउरकेला एनआइटी से मदद लेने का परामर्श लेने की बात कही गई थी। यह योजना राउरकेला के लिए शान हो सकती थी पर राजनीतिक खींचतान व इच्छा शक्ति के अभाव में यह काम नहीं हो पाया।
एक्सपर्ट की राय
विश्व स्तरीय हॉकी हॉल ऑफ फेम म्यूजियम का निर्माण होने से हॉकी की नर्सरी सुंदरगढ़ जिले के खिलाड़ियों को विभिन्न सुविधा मिलती। नीचे एस्ट्रो टर्फ मैदान तथा ऊपर म्यूजियम होता। राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी तथा अधिकारियों की उदासीनता के कारण इसका काम शुरू नहीं हो पाया है। दो दलों के नेताओं के बीच खींचतान के कारण अब तक योजना अधर में लटकी पड़ी है। इसके लिए खेल प्रेमी एवं क्रीड़ाविदों को एकजुट होकर आवाज उठाने की जरूरत है।
- सुशांत बेहरा, महासचिव पानपोष स्पोर्ट्स एसोसिएशन।