अब दही के बैक्टीरिया से रक्तचाप का इलाज
दुनिया में सौ करोड़ से अधिक लोग उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्राल
जागरण संवाददाता, राउरकेला : दुनिया में सौ करोड़ से अधिक लोग उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्राल की समस्या से जूझ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस बीमारी से सालाना 70 लाख लोग अपनी जान गवां रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (एनआइटी) राउरकेला के वैज्ञानिक इस बीमारी का इलाज ढूंढने में जुटे है। अब दही के बैक्टीरिया से इन रोगों का इलाज करने में मदद मिलेगी। एनआइटी के जीव विज्ञान विभाग में खाद्य जीव वैज्ञानिक प्रोफेसर रसु जयाबालन और उनकी टीम ने यह संभव कर दिखाया है।
शोध के मुताबिक ग्रीन टी, सोया प्रोटीन और दही से निकाले गए बैक्टीरिया का मिश्रण उच्च कोलेस्ट्राल और रक्तचाप को कम करने में मददगार साबित हो करता है। अध्ययन के दौरान पता चला है कि दही में मौजूद बैक्टीरिया कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करने में काफी लाभकारी है। साथ ही वह उस एंजाइम को नियंत्रित करने में मदद करता है जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या होती है। अभी यह शोध लैब आधारित है और उसे जानवरों पर प्रयोग से साबित करना बाकी है।
प्रोफेसर जयाबालन ने कहा कि हम लगातार इस कोशिश और प्रयोग में लगे हैं कि बेहतरीन प्रोबायोटिक्स और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बैक्टीरिया की पहचान कर सकें। उन्होंने कहा कि हमारा दीर्घकालीन प्रयास है कि ऐसा प्रोबायोटिक्स इजाद किया जाए जिसका इस्तेमाल स्टै¨टस (जो दवा रक्तचाप को नियंत्रित करने में इस्तेमाल की जाती है) की जगह इस्तेमाल की जा सके। प्रोबायोटिक्स स्वाभाविक रूप से सृक्ष्म जीव होते हैं, इसमें लैक्टोबैसिलस जैसे आंत बैक्टीरिया शामिल है। इनके इस्तेमाल से लंबे समय में यह पाचनतंत्र को फायदा पहुंचाते हैं। इस अध्ययन में साहू मौमिता, भास्कर दास, अर्चना सौंदर्य, संघमित्रा सेनापति आदि शामिल हैं।
कनाडा में हुए शोध को आगे बढ़ाया :
उन्होंने बताया कि मैकगिल विश्वविद्यालय, कनाडा के एक शोधकर्ता ने 12 साल के अध्ययन के बाद इसे साबित किया कि दही में मौजूद बैक्टीरिया कोलेस्ट्राल को कम करने में सहायक है। जयाबालन और उनके साथियों ने इससे आगे बढ़कर एक ऐसा पदार्थ बनाया है जिसमें दही से निकाले गए बैक्टीरिया, ग्रीन टी और सोया प्रोटीन मिश्रण हो। उनका यह शोध केमिस्ट्री पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
कुछ इस तरह से किया प्रयोग :
जयाबालन की टीम ने इस मिश्रण को तैयार करने के लिए दही के बैक्टीरिया को ताजे दूध में मिलाया और उसमें सोया के छिलके को भी डाला। फिर इस मिश्रण को कोलेस्ट्राल कम करने और एंजियोटेंसिन कनवर्टिंग एंजाइम को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किया। इनके अध्ययन से यह सामने आया है कि दही में मौजूद लैक्टोबैसिलस हल्वोटाइकस के पास कोलेस्ट्राल कम करने की अद्भुत क्षमता रखते हैं। इस बारे में जयाबालन ने कहा कि हम एक स्वस्थ और प्राकृतिक आहार बनाना चाहते हैं जो कि चिकित्सा की आवश्यकताओं को कम करे।