Move to Jagran APP

कोरोना रोगियों के स्वास्थ्य की जानकारी रोजाना परिवार को देनी होगी

चाहे सरकारी हो या गैरसरकारी अस्पताल अब उन्हें रोजाना उनके यहां इलाजरत कोविड मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी दिन में कम से कम एक बार उनके परिवार को देनी होगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 02:08 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:16 AM (IST)
कोरोना रोगियों के स्वास्थ्य की जानकारी रोजाना परिवार को देनी होगी
कोरोना रोगियों के स्वास्थ्य की जानकारी रोजाना परिवार को देनी होगी

जागरण संवाददाता, राउरकेला : चाहे सरकारी हो या गैरसरकारी अस्पताल, अब उन्हें रोजाना उनके यहां इलाजरत कोविड मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी दिन में कम से कम एक बार उनके परिवार को देनी होगी। एसएमएस या वाट्सएप के जरिए मरीज की आवाज या तस्वीर भेजनी होगी। इसके लिए कोविड अस्पतालों को टोल फ्री नंबर जारी करना है। यह नंबर 24 घंटे काम करे, इसकी भी व्यवस्था अस्पताल को करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी। कोविड अस्पताल में इलाज के अभाव में मरीजों के मौत के आरोप लगने के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह कदम उठाया गया है।

loksabha election banner

राज्य सरकार द्वारा कोरोना अस्पताल का गठन कोरोना रोगियों के इलाज के लिए किया गया है। इसके अलावा, सरकार ने राज्य के पांच नगर पालिका क्षेत्र में स्थित 30 से अधिक बेड वाले निजी अस्पतालों को कोरोना रोगियों के लिए 50 फीसद बेड आरक्षित रखने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, 10 फीसद बेड अन्य जिलों के निजी अस्पतालों को आरक्षित रखने को कहा गया है। हालांकि, अस्पताल में इलाजरत कोरोना संक्रमितों की स्थिति के संबंध में उनके परिवारों को कोई जानकारी नहीं मिल पाती है। इस कारण मरीज के स्वजन हमेशा चितित रहते हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी / निजी कोविड अस्पतालों को एक सप्ताह के भीतर 24 घंटे हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्देश जारी किया है। हेल्प डेस्क पर आने वाले सभी कॉल प्राप्त हों, यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक संख्या में कर्मचारियों को नियुक्त करने को कहा गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने कोविड अस्पताल के बाहर एक सम्मेलन कक्ष की स्थापना का भी आदेश दिया है। जहां एक टीवी के साथ कैमरे को कोविड अस्पताल में इलाजरत रोगी के कमरे के सीसीटीवी से जोड़ना है। ताकि संबंधित मरीज का अटेंडेंट मरीज को देख सके और उससे बात कर सके। रोगी के भर्ती होने के साथ ही मरीज का विवरण एकत्र करने को कहा गया है। विभाग ने कहा है कि यदि अस्पताल हेल्प डेस्क को स्थापित या कार्यान्वित करने में विफल होते हैं, तो इसे लापरवाही माना जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.