62 करोड़ के जीएसटी धांधली का आरोपित भेजा गया जेल
जीएसटी के 62 करोड़ रुपये की धांधली का पता लगाने के बाद डाइ
जागरण संवाददाता, राउरकेला: जीएसटी के 62 करोड़ रुपये की धांधली का पता लगाने के बाद डाईरेक्ट्रोरेट जनरल ऑफ गुडस एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस, राउरकेला रीजनल यूनिट के अधिकारियों ने सिविल टाउनशिप के ईई-7 निवासी व्यवसायी मानस चंद्र बराल को गिरफ्तार कर शुक्रवार को एसडीजेएम की अदालत में पेश कर दिया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। विभागीय अधिकारी उसके साथ काम करने वाले अन्य साथियों की तलाश में जुट गई है। जीएसटी विभाग ने फिर एक बार एक व्यवसाई को गिरफ्तार कर जेल भेजने की खबर शहर में फैलते ही जीएसटी फर्जीवाड़ा करने वालों में हड़कंप मच गया है।
घटना के संबंध में वरिष्ठ अधिकारी जीसी बाहुबलींद्र ने बताया कि रघुनाथपाली थाना अंतर्गत सिविल टाउनशिप के ईई-7 निवासी अपने घर में ही मेसर्स एसएस प्रोफाइल्स और मेसर्स बालाजी ट्रेडर्स के नाम से फर्जी इनवायस ( झुठा खरीद बिक्री ) सरकार को दिखा कर 62 करोड़ रुपया का जीएसटी फर्जीवाड़ा किया है। विभाग को इसकी खबर मिलने पर एक साल से मानस चंद्र बराल के दोनों कंपनियों की जांच करने पर इसका खुलासा हुआ। मानस के घर तथा कार्यालय में छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे। जिसकी जांच करने पर 62 करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा करने की सुबूत विभाग के हाथ लगा। इसके आधार पर मानस को गिरफ्तार कर शुक्रवार को एसडीजेएम की अदालत में पेश कर उसे जेल भेज दिया गया। शहर में कई बड़े व्यवसाई इस तरह के करोड़ों रुपयों का फर्जीवाड़ा करने का पता चला है। एक तरह से कहने से राउरकेला जीएसटी फर्जीवाड़ा का एक गढ़ बन गया है। किसी को भी बक्सा नही जाएगा। गौरतलब है कि डीजीजीआइ की टीम ने इससे पूर्व नारायण खैतान, संजीव सिंह तथा राजेश मिश्र को करोड़ों के डीएसटी फर्जीवाड़ा मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज चुके है। अब तक कुल चार लोग इस मामले में जेल जा चुके है। इस दौरान डीजीजीआइ के डिप्टी डायरेक्टर अमीत चंद्र सुनाल, सीनियर इंटेलिजेंस अधिकारी आर साबरा व मुकेश कुमार, जांच अधिकारी में गणएश सिंह, सोयम सारथी नायक, रोहीत कुमार, कुंदन कुमार, अरविद राम त्रिपाठी, अमितोष राज मामले की जांच करने के साथ शुक्रवार को अदालत में उपस्थित थे।