मुक्त कराई गई दिल्ली में बेची गई किशोरी, महिला दलाल गिरफ्तार
नगर के गोपबंधुपल्ली क्षेत्र की किशोरी को दिल्ली घुमाने के बहाने ले जाकर बेचे जाने की घटना का खुलासा होने के बाद पुलिस की ओर से कार्रवाई की गई है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : नगर के गोपबंधुपल्ली क्षेत्र की किशोरी को दिल्ली घुमाने के बहाने ले जाकर बेचे जाने की घटना का खुलासा होने के बाद पुलिस की ओर से कार्रवाई की गई है। दिल्ली के गुरुग्राम से उसे मुक्त कराकर राउरकेला लाकर बाल कल्याण कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को सौंपा गया है। किशोरी को दिल्ली में बेचने वाली महिला दलाल सुनीता सिंह को उसके दुर्गापुर पहाड़ी स्थित आवास से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शहर के बसंती कॉलोनी इलाके की एक महिला दलाल सुनीता बड़ाइक उर्फ सुनीता सिंह 20 जनवरी को उसे दिल्ली घुमाने के बहाने ले गई थी और वहां एक व्यवसायी के हाथ उसे बेच दिया था। इस संबंध में पूर्व पार्षद प्रमिला दास को किशोरी ने फोन पर इसकी जानकारी देते हुए व्यवसायी के घर मिले एक पार्सल पर लिखा पता एवं विवरण भी दिया था। प्रमिला दास ने विगत चार फरवरी को घटना की पूरी जानकारी एवं पता प्लांट साइट पुलिस को देते हुए किशोरी को मुक्त कराने का अनुरोध किया था। इसके बाद प्लांट साइट पुलिस दिल्ली गई और वहां एक व्यवसायी के घर से किशोरी को बरामद किया। व्यवसायी के घर में किशोरी से कपड़ा, बर्तन धुलाने के साथ साफ-सफाई का काम लिया जा रहा था। मना करने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी। राउरकेला पहुंचने के बाद किशोरी का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराने के बाद सीडब्ल्यूसी को सौंपा गया है।
मानव तस्करी रोकने जागरूकता की जरुरत : लेंका
मध्यमवर्गीय परिवार के साथ गरीब तबके के लोगों में जागरूकता की कमी और शिक्षा के अभाव में पूरे राज्य में मानव तस्करी के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। दैनिक जागरण से खास बातचीत में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के सक्रिय सदस्य रंधीर लेंका ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इसके अलावा इन वर्गो के लोग रोजी-रोटी के चक्कर में बच्चों को बेहतर शिक्षा नही दे पाते है। इस कारण ये परिवार बच्चों को दुनियादारी के प्रति जागरूक नहीं कर पा रहे हैं। खासकर ऐसे परिवारों के बच्चे घर की आर्थिक स्थिति ठीक नही होने के कारण अभिभावकों से कुछ कहने से कतराते हैं। समाज में अच्छे से रहने से लेकर अच्छे खान-पान की लालसा और अन्य की तरह सुंदर जीवन जीने तथा अच्छे वेतन पर काम दिलाने का प्रलोभन दिखा कर इन वर्गों के खासकर नाबालिग लड़कियों को दलाल घरवालों को झांसा देकर दूसरे राज्यों में ले जाकर बेच देते है।
लेंका ने बताया कि पिछले छह माह में लगभग एक दर्जन नाबालिग लड़कियों को शहर तथा इसके आस-पास अंचलों से इसी तरह से दूसरे राज्यों में ले जाकर बेचे जाने की घटनाएं सामने आयी हैं। इनमें से अब तक आधा दर्जन नाबालिगों को पुलिस की मदद से वापस लाया गया है। आगामी दिनों में सीडब्ल्यूसी की ओर से मानव तस्करी को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम किया जाएगा ताकि ये दोनों वर्गो के परिवार के साथ नाबालिग लड़कियां इन मानव तस्करों के झांसे में नही फंसे।