रिश्वत मामले में जलापूर्ति विभाग पूर्व फिटर दोषी, दो साल की सजा
रिश्वत के एक मामले में सुनवाई करते हुए विजिलेंस कोर्ट ने आरोपित को दो साल की सजा सुनाई है।
रिश्वत मामले में जलापूर्ति विभाग पूर्व फिटर दोषी, दो साल की सजा
जासं, राउरकेला : जन स्वास्थ्य और अभियंत्रण विभाग पीएच सब डिविजन सेक्शन-4 एसटीआइ चौक राउरकेला के सेवानिवृत्त फिटर मिस्त्री शशिभूषण पंडा को दो हजार रुपये रिश्वत लेने के दस साल पुराने मामले में शुक्रवार को सुंदरगढ़ विजिलेंस कोर्ट के विशेष जज ने सुनवाई करते हुए दो साल की सजा सुनाई है। साथ ही दस हजार रुपये जुर्माना भरने का भी आदेश दिया है। जुर्माना नहीं देने के एवज में सजा की अवधि तीन महीने अतिरिक्त होगी। एसटीआइ चौक जन स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग डिविजन में कार्यरत पूर्व फिटर सुधांशु पंडा ने पुराना कनेक्शन काट कर नया देने के एवज में दो हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस संबंध में विजिलेंस विभाग को शिकायत मिलने पर उसे रंगे हाथ गिरफ्तार करने की योजना बनायी गई। विजिलेंस टीम ने 1 सितंबर 2012 को उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। उसके खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ गिरफ्तार भी किया गया था। मामले की सुनवाई सुंदरगढ़ विजिलेंस कोर्ट में चल रही थी। एक मामले में उसे एक साल की सजा तथा पांच हजार रुपये जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है जबकि 7 प्रिवेंशन आफ करप्सन एक्ट-1988 के तहत आरोपित को दो सल की सजा तथा पांच हजार रुपये जुर्माना भरने का निर्देश दिया है। जुर्माना नहीं देने पर तीन महीने की अतिरिक्त सजा होगी। अदालत ने दोनों मामलों में सजा की अवधि एक साथ चलने का उल्लेख किया है। इस मामले में विजिलेंस विभाग के पूर्व इंस्पेक्टर प्रकाश कुमार नायक ने जांच कर अदालत में सबूत दिए थे। वहीं मामले में स्पेशल पीपी विजिलेंस सुंदरगढ़ गौरमोहन दास ने सरकार की ओर से पैरवी की थी।