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जांच से हुअा खुलासा, आंध्र की मछलियों में नहीं किया जाता फॉर्मलिन का प्रयोग

भुवनेश्वर भेजी गई मछलियों की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि आंध्र प्रदेश से आने वाली मछलियों में फॉर्मलिन का प्रयोग नहीं किया जाता।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 01 Aug 2018 01:16 PM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 01:16 PM (IST)
जांच से हुअा खुलासा, आंध्र की मछलियों में नहीं किया जाता फॉर्मलिन का प्रयोग
जांच से हुअा खुलासा, आंध्र की मछलियों में नहीं किया जाता फॉर्मलिन का प्रयोग

राउरकेला, जेएनएन। आंध्र प्रदेश से आने वाली मछलियों में फॉर्मलिन का प्रयोग नहीं किया जाता। इस बात का खुलासा जांच के लिए भुवनेश्वर भेजी गई मछलियों की रिपोर्ट मिलने के बाद हुआ है। रिपोर्ट महानगर निगम के स्वास्थ्य विभाग को मिल गई है। जिसमें साफ कहा गया है कि भेजी गई मछलियों के नमूनों

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में किसी प्रकार का केमिकल नहीं मिला। जानकारी होने के बाद सोमवार को डेली मार्केट मछली बाजार में आयोजित सभा में राउरकेला मछली डीलर एसोशिएशन(आरएफडीए) अध्यक्ष मो. नदीम ने कहा कि लोग अफवाह पर ध्यान ना देकर पहले की तरह बेहिचक मछली खरीद कर खा सकते है। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि किसी ने एक गलत वीडियो वायरल कर लोगों में डर पैदा करने की कोशिश की थी। जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग व मछली व्यवसायियों को जागरूक करने सभा का आयोजन किया गया। इससे लोगों का भय खत्म होगा और वे पहले की तरह मछली खा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अफवाह फैलने के बाद सरकार पूरे राज्य में विभागीय अधिकारियों ने मछली का नमूना संग्रह कर राज्य फूड र्टेंस्टग

लेबोटरी भेजा था। अभी तक किसी जिले में मछली में फॉर्मलिन होने की जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश में समद्र से मछली पकड़ने के बाद उन्हें बर्फ वाले बक्से में रखकर 24 घंटे में बाजार तक पहुंचा दिया जाता है। ऐसे में केमिकल के इस्तेमाल की कोई बात पैदा नहीं होती। उन्होंने बताया कि 14 से 30 जुलाई के बीच मछली कारोबार बंद होने से थोक सहित खुदरा व्यापारी आर्थिक संकट से जुझ रहे हैं।राउरकेला में 22 थोक व 600 से अधिक मछली के खुदरा विक्रेता हैं।

 

अफवाह के पूर्व शहर में रोज 7 से 8 टन मछलियां मंगाई जाती थीं लेकिन 14 जुलाई से शहर सहित पूरे जिले में बाहरी मछलियों का व्यापार पूरी तरह ठप हो चुका है। शहर में आंध्र प्रदेश के अलावा बालुगांव, पारादीप, नागपुर, बालेश्वर, रायगढ़, आकीबुडू, कोलकाता, बेलपहाड़ आदि जगहों से मछलियां लाई

जाती हैं। 

मंगलवार से मछलियों के थोक व्यापारी पहले से 50 फीसद अधिक मछली मंगवाना शुरू कर रहे हैं। इस मौके पर आरएफडीए के उपाध्यक्ष गौरांग कुंडू, सचिव मो. रिजवान, सह सचिव नैन रखीत, कोषाध्यक्ष अब्दुल रब  सहित मां काली छोटी मछली खुदरा व्यवसायी संघ के अध्यक्ष ब्रजकिशोर साहु, सुभाष चंद्र साहुर्, बिंबाधर मल्लिक, अक्षय लाल साह, रंगधर बेहरा, ए बेहरा, आलोक मंडल सहित बड़ी संख्या

में मछली के थोक व खुदरा व्यापारी उपस्थित थे। 


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