एक ¨चगारी ने छीन ली तीन घरों में दीपावली की खुशी
दीपों का त्योहार दीपावली बुधवार को पुराना स्टेशन रोड में ती
जागरण संवाददाता, राउरकेला: दीपों का त्योहार दीपावली बुधवार को पुराना स्टेशन रोड में तीन परिवारों के लिए उदासी से भरा रहा। पटाखे से निकली एक छोटी सी ¨चगारी ने इनके घरों को जलाकर खाक कर दिया। इसमें एक होटल व दो झोंपड़ी पूरी तरह जल गए। उस समय जब पूरा शहर दीपावली की खुशियां मनाने में मशगूल था। स्थानीय लोगों ने अपने स्तर से आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन असफल रहे। हादसे के करीब आधे घंटे बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची। तबतक सबकुछ खाक हो चुका था। आग की लपटें इतनी तेज हो थी कि इसका असर रेलवे के बिजली के तारों पर हो सकता था। लिहाजा एहतीयातन रेलवे ने बिजली आपूíत बंद कर दी। घटना के बाद आरपीएफ के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। प्लांट साइट पुलिस हादसे के कारणों पता लगाने में जुटी है।
गरीबी रेखा से नीचे के हैं तीनों परिवार :
पुराना स्टेशन रोड में नेताजी मार्ग के पास जिन तीन घरों में आग लगी। उसमें एक घर रंजन सामंत का है जो घर के एक हिस्से में होटल चलाते हैं तथा दूसरे हिस्से अकेले रहते हैं। वहीं दूसरा घर ब्रह्मदेव साहु का है जो घर के बाहर नाश्ते का खोमचा चलाते हैं तथा घर में परिवार के साथ रहते हैं। परिवार में पत्नी गुंजा देवी, बेटी सुहाना, मिस्टी, बेटा नीरज व दीपू रहते हैं। वहीं तीसरे घर में किराये पर दशरथ प्रसाद यादव, रवि प्रसाद यादव व कैलाश प्रसाद यादव रहते हैं।
आंखों के सामने खाक हुआ आशियाना:
यह हादसा शाम करीब सात बजे के हुआ। ब्रह्मदेव की पत्नी गुंजा देवी ने देखा कि एक ¨चगारी उड़ कर उनके घर पर गिरी और आग लग गई। उस समय घर में छोटी बेटी अकेली थी। तत्काल उसे बाहर निकाला। घर से होटल चलने वाले रंजन सामंत घर के बाहर ही मौजूद थे। जबकि जबकि दशरथ प्रसाद यादव, रवि प्रसाद यादव कैलाश प्रसाद यादव घर से थोड़ी दूर पर थे। आग की लपट देखकर सभी उसे बुझाने में जुट गए। शोर सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे तथा आग पर काबू पाया।
एक तिनका तक नहीं बचा घर में :
गुंजा देवी ने बताया कि घर में नकदी, जेवरात व पति के इलाज का सारा दस्तावेज खाक हो गया। बच्चों के यूनिफार्म, किताबें भी जल गए। एक तिनका तक घर में नहीं बचा। गुंजा देवी ने बताया कि उनके पति दिल के मरीज हैं जिनका इलाज चल रहा है। छठ के बाद पति को इलाज के लिए वैल्लोर लेकर जाना था।
पड़ोसियों के घर में ली शरण
हादसे में सबकुछ गंवाने के बाद तीनों परिवारों पर छोटे-छोटे बच्चों के साथ सिर छिपाने के लिए जगह की जरूरत थी। ऐसे वक्त में पड़ोस के लोग सामने आए। तीनों परिवार ने अलग-अलग पड़ोसियों के घर रात गुजारी। अब तीनों परिवारों को जिला प्रशासन से उम्मीद है कि वे उनकी इस घड़ी में मदद करेगा। हालांकि अभी तक किसी तरह की प्रशासनिक सहायता लोगों को नहीं मिली है।