सुंदरगढ़ में बिजली के झटके रोकेंगे गजराजों का उत्पात
हाथियों को ऐसे रोकेगी सोलर फेसिंग हाथियों को रोकने के लिए बनी सोलर फेसिंग में स्थित तकनीकी व्यवस्था में दिन में बैटरी सौर ऊर्जा को चार्ज करेगी।
राउरकेला, जागरण संवाददाता। सुंदरगढ़ जिले के तीन वन मंडल सुंदरगढ़, राउरकेला व बणई के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में हाथियों का उत्पात रोजमर्रा की बात हो गई है। जिससे ग्रामीणों का दिन का चैन व रातों की नींद हराम हो गई है। इसे ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने अब बिजली के झटकों से हाथियों का उत्पात रोकने की पहल शुरू की है। इसके लिए प्रभावित अंचलों में हाथियों को रोकने के लिए सोलर फेसिंग का काम किया जा रहा है। जिसमें कई स्थानों पर फेसिंग का काम पूरा हो चुका है और कई स्थानों पर इसका काम प्रगति पर है।
सौर ऊर्जा से चार्ज होगी बैटरी
हाथियों को रोकने के लिए बनी सोलर फेसिंग में स्थित तकनीकी व्यवस्था में दिन में बैटरी सौर ऊर्जा को चार्ज करेगी। जिसके बाद पूरी रात फेसिंग के तार को इससे बिजली मिलेगी। रात के समय कोई इस फेसिंग तार के संपर्क में आने से मात्र एक सेकेंड के लिए 12 हजार वोल्ट की बिजली शक्ति का झटका लगेगा। इसके समेत एक सतर्क घंटी भी बजेगी। यह झटका शक्तिशाली होने के बाद इससे हाथियों या इंसान की जान को किसी प्रकार का खतरा नहीं होगा। लेकिन यह झटका हाथियों को यहां से अन्यत्र चले जाने को बाध्य होंगे।
हेमगिर एवं सदर रेंज में प्रयोग सफल
सुंदरगढ़ डीएफओ डॉ. अरुण कुमार मिश्र ने बताया कि सुंदरगढ़ वन मंडल के हेमगिर एवं सदर रेंज के लेफ्रीपाड़ा एवं उज्ज्वलपुर में यह प्रयोग सफल रहा है। जिसमें विगत दो महीने में इस अंचल में हाथियों अथवा अन्य किसी वन्य प्राणी के कदम नहीं पड़े हैं।
कई अंचलों में चल रहा है फेसिंग का काम सुंदरगढ़ वन मंडल के अंतर्गत हेमगिर, सदर रेंज के उज्ज्वलपुर व लेफ्रीपाड़ा में सोलर फेसिंग का काम खत्म होने के बाद अब बिरतोला, बुढ़ारामतोला, पूरना, बेहरामाल समेत छत्तीसगढ़ से सटे अंचलों में फेसिंग का काम प्रगति पर है। वहीं राउरकेला वन मंडल के अंतर्गत कुआरमुंडा रेंज के बुचकुपेड़ी, बिसरा के बागडेगा, पानपोष के आरडीसी समेत कोयल नदी के तट पर प्रधानपाली से झीरपानी तक सोलर फेसिंग की व्यवस्था की गई है।
जबकि बणई मंडल के सोल, तुमरा, गुरुंडिया, बणई, कुलीपोष व बरसु्आं रेंज के विभिन्न अंचलों में लगभग 100 किलोमीटर तक सोलर फेसिंग बनाने समेत चालू वर्ष में अन्य प्रभावित अंचलों में भी इस योजना के विस्तारीकरण की योजना है। विभाग इस ओर ठोस कदम उठा रहा है।
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