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एंथ्रेक्स की आशंका से तीस परिवार घर छोड़कर भागे

कोईड़ा वन क्षेत्र में दस दिनों के अंतराल पर दो हाथियों की एंथ्रेक्स संक्रमण से मौत की आशंका से आसपास के तीस परिवारों ने घर छोड़ दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 02:26 AM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 05:06 AM (IST)
एंथ्रेक्स की आशंका से तीस परिवार घर छोड़कर भागे
एंथ्रेक्स की आशंका से तीस परिवार घर छोड़कर भागे

जासं, राउरकेला (सुंदरगढ़) : कोईड़ा वन क्षेत्र में दस दिनों के अंतराल पर दो हाथियों की एंथ्रेक्स संक्रमण से मौत की आशंका से आसपास के तीस परिवारों ने घर छोड़ दिया है। क्षेत्र में 13 सितंबर को एक मादा हाथी की मौत हुई थी, वहीं 22 सितंबर को एक दंतैल हाथी ने दम तोड़ दिया था। एंथ्रेक्स की आशंका जताते हुए वन विभाग ने भी दफनाने की जगह दंतैल हाथी के शव को जला दिया था। इसके बाद राख को मिट्टी में गाड़ दिया था। हालांकि, इस मामले में अब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है।

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एसीएफ जोहना ओराम ने शुक्रवार को कहा कि कोईड़ा वन क्षेत्र के ओरघाट में हाथियों के एंथ्रेक्स से मरने की आशंका है। अन्य जंगली जानवरों पर भी नजर रखी जा रही है। संक्रमण से बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्र के मवेशियों को एंटी एंथ्रैक्स टीका देने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर टीम गठित की गई है। साथ ही लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है कि मवेशियों को चराने के लिए जंगल में नहीं ले जाएं। हाथी की मौत वाले क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। वन विभाग ने जहां शव के राख को गाड़ा है, उधर आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। उधर, इस कार्रवाई के बाद आसपास के लोग सहमे हुए हैं। संक्रमण से बचाव के लिए लोगों ने घर छोड़ दिया है।

एसीएफ जोहना ओराम ने कहा कि मादा हाथी की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद रक्त का नमूना जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा गया है। अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट की प्रतिक्षा कर ही रहे थे कि 22 सितंबर को एक दंतैल हाथी की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। पशु चिकित्सकों के अनुसार, मृत दंतैल हाथी में एंथ्रेक्स के लक्षण पाए गए हैं। रक्त का नमूना जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद साफ हो पाएगा कि बीमारी क्या है। मालूम हो कि दंतैल हाथी के सिर के पास गहरे जख्म थे। उससे मवाद बह रहा था। यह हाथी झुंड में आया था। फसल चरने के बाद बाकी चले गए, लेकिन यह हाथी नहीं जा सका। मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। बताया जाता है कि एंथ्रेक्स जीवाणु जनित संक्रमित रोग है। यह तेजी से फैलता है। इंसानों को भी अपनी जद में ले लेता है। यही वजह है कि ग्रामीण सहमे हुए हैं। कोट

ओरघाट क्षेत्र में हाथियों के एंथ्रेक्स से मरने का संदेह है। अन्य जंगली जानवरों पर भी नजर रखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के मवेशियों को एंटी एंथ्रेक्स टीका देने के लिए प्रशासन के साथ टीम गठित की गई है। साथ ही लोगों को मवेशी लेकर चराने के लिए जंगल में न जाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। हाथी की मौत वाले क्षेत्र को निषेधांचल घोषित किया गया है।

- जोहना ओराम, एसीएफ, बणई।


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