न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खा रही जमशेदपुर की बेटी
ससुरालियों के दहेज उत्पीड़न का शिकार हुई सुदीप्ता नायक तीन साल की बेटी के साथ न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खा रही है।
राउरकेला, जेएनएन। राउरकेला के छेंड कॉलोनी में जमशेदपुर की मानगो निवासी सुदीप्ता नायक ससुरालियों के दहेज उत्पीड़न का शिकार हो गई हैं। पति घर से फरार है और ससुराल के लोग उससे मिलने नहीं दे रहे है। तीन साल की बेटी के साथ वह न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खा रही है। पीड़िता ने पति पर दूसरी शादी कर लेने का भी आरोप भी लगाया है।
जमेशदपुर के डिमना बस्ती रोड स्थित आकाश अजमेरा अपार्टमेंट के प्रथम तल्ला ए-1 निवासी सुदीप्ता का कहना है कि 20 नवंबर 2011 को उसकी शादी छेंड कॉलोनी राउरकेला निवासी 37 वर्षीय आशीष नायक के साथ हुई थी। तब पिता ने ससुराल वालों को दहेज के रूप में 10 लाख रुपए दिए थे। तब सुदीप्ता मुंबई के एमएनसी में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत थी। जबकि पति आशीष बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर के रूप में पुणे में कार्यरत था।
शादी के बाद दोनों अक्टूबर 2012 से जनवरी 2013 तक पुणे में एक साथ रहे। फरवरी 2013 में वे कोलकाता आ गए एवं अक्टूबर 2015 तक रहे। सुदीप्ता ने बताया कि जब मां बनने वाली थी तब उसने नौकरी छोड़ दी। पति और ससुराल वाले लालची होने के कारण वे उससे नौकरी कराना चाहते थे। नौकरी छोड़ने के बाद वह अपने ससुराल छेंड कॉलोनी राउरकेला आ गई। 2 जनवरी 2016 को उसने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद से ही उसका उत्पीड़न शुरू हो गया। उसने ससुरालियों के उत्पीड़न की शिकायत राउरकेला पुलिस से की थी।
न्याय नहीं मिलने पर 11 मार्च 2017 को उसने महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी से भी इसकी शिकायत की। मेनका गांधी ने इस मामले को राष्ट्रीय महिला आयोग के पास भेज दिया। इसके बाद आयोग ने राउरकेला और जमशेदपुर एसपी को मामले की छानबीन करने का निर्देश दिया। इसके बाद भी कुछ हासिल नहीं होने पर सुदीप्ता ने जमशेदपुर अदालत की शरण ली। उसने आरोप लगाया है कि ससुराल के लोग पति से मिलने से रोक रहे हैं। इधर, पता चला है कि आशीष ने बेटी व उसे छोड़ कर आइवीएम बेंगलुरु में कार्यरत महाश्वेता महकुड़ के साथ तलाक लिए बगैर चुपके से शादी कर ली है।