दिव्यांग बच्चों का होगा सर्वेक्षण कराएगी सरकार, खाका तैयार
राज्य सरकार व जिला प्रशासन ने दिव्यांग बच्चों का व्यापक सर्वेक्षण करने की योजना बनाई है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राज्य सरकार व जिला प्रशासन ने दिव्यांग बच्चों का व्यापक सर्वेक्षण करने की योजना बनाई है। ताकि उनके पुनर्वास के लिए समय पर कार्य शुरू किया जा सके। इससे उन्हें मुख्यधारा में लाया जा सकेगा और वे भी सामान्य जीवन जी सकेंगे।
सर्वेक्षण का संचालन दिव्यांगों लोगों की सामाजिक सुरक्षा और सशक्तीकरण विभाग महिला एवं बाल विकास और मिशन शक्ति विभाग के सहयोग से करेगी। इसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आइसीडीएस पर्यवेक्षक को छह वर्ष तक की आयु के बच्चों और दिव्यांगों की पहचान के लिए लगाया जाएगा। एसएसइपीडी विभाग का मानना है कि प्रारंभिक स्तर पर ही इसकी पहचान कर इलाज किए जाने पर लगभग 70 फीसद दिव्यांगता पर रोक लगाई जा सकती है। शुरुआत में, विभाग दिव्यांग बच्चों की पहचान करने के लिए सर्वेक्षण करेगा, ताकि उन्हें सही समय पर इलाज मुहैया कराया जा सके। सर्वेक्षण के बाद, जन्म के समय ऐसे मामलों की पहचान करने के लिए एक प्रणाली बनाई जाएगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इसकी निगरानी करेंगे। दिव्यांगता वाले बच्चों के जन्म की घटना पर पर्यवेक्षकों को रिपोर्ट करेंगे। जबकि ब्लॉक के अधिकारी डाटा संग्रह कर विभाग को सौंपेंगे।
आमतौर पर दिव्यांग व्यक्ति की पहचान एक बार शिक्षा, नौकरी या पेंशन के लिए की जाती है। लेकिन छह साल से कम उम्र के बच्चों की पहचान के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इनमें से अधिकांश में श्रवण दिव्यांगता या आर्थोपेडिक हानि होती है, जो अगर सही उम्र में इलाज किया जाता है, तो रोके जा सकते हैं। इसी सोच को आधार मानकार राज्य सरकार की ओर से यह योजना तैयार की गई है।