Odisha: आइटीडीए में बगैर टेंडर के चल रहा करोड़ों का काम, ठेकेदार व अधिकारियों की मिलीभगत उजाकर
Odisha आइटीडीए में करोड़ों का काम बगैर टेंडर के कराया जा रहा है। ठेकेदार व अधिकारियों की मिलीभगत में लाखों की हेराफेरी भी हो रही है। इससे पहले काम लोक निर्माण विभाग के जरिए भी टेंडर के जरिए कराया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला। Odisha: समेकित आदिवासी विकास विभाग (आइटीडीए) में करोड़ों का काम बगैर टेंडर के कराया जा रहा है। ठेकेदार व अधिकारियों की मिलीभगत में लाखों की हेराफेरी भी हो रही है। इससे पहले काम लोक निर्माण विभाग के जरिए भी टेंडर के जरिए कराया जा रहा है पर कुछ काम बगैर टेंडर के आइटीडीए विभाग के द्वारा खुद कराए जाने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इस तरह जिले के अन्य क्षेत्रों में भी आइटीडीए के अधीनस्थ भवन व पुल निर्माण का काम बगैर टेंडर के चल रहा है। सुंदरगढ़ में सरकारी अतिथि भवन के छत पर टीन सीट लगाकर उसका पुनरोद्धार का काम किया गया। इसके लिए आइटीडीए के परियोजना अधिकारी के कार्यालय में 96 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई पर इसका टेंडर किए बगैर राज्य के बाहर के एक ठेकेदार को काम दे दिया गया। इसे लेकर स्थानीय ठेकेदारों में रोष है।
सरकारी नियम के अनुसार, पांच लाख से अधिक की किसी भी योजना में विकास का काम होने पर उसका टेंडर होना जरूरी है। सरकारी अतिथि भवन का पुनराेद्धार का काम 96 लाख का होने के बावजूद आइटीडीए की ओर से इसका टेंडर नहीं किया गया। दूसरी ओर, उसी परिसर में एक भवन निर्माण का काम लोक निर्माण विभाग के जरिए कराया जा रहा है जिसके लिए टेंडर किया गया। इस संबंध में आइटीडीए के परियोजना अधिकारी रामचंद्र गोंड से पूछे जाने पर उन्होंने अतिथि भवन का काम बिना टेंडर के करने की बात स्वीकार की है पर ऐसा क्यों किया गया, इसका जवाब उन्होंने नहीं दिया। निर्माण कार्य में सरकारी नियमों का उल्लंघन कर लाखों की हेराफेरी होने की आशंका जताई जा रही है। उच्च स्तरीय जांच से ही इसका खुलासा हो सकेगा।